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चंद्रबाबू नायडू की कैबिनेट के 25 मंत्रियों में 17 नए चेहरे

मोदी सहित भाजपा के दिग्गज पहुंचे शपथ ग्रहण समारोह में


  • फिल्मी सितारों की महफिल सजी थी

  • अमरावती नायडू का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है

  • लोकसभा की 21 सीटें जीती है राजग ने


राष्ट्रीय खबर

हैदराबादः तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह सीएम के रूप में उनका चौथा कार्यकाल है। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, नितिन गडकरी और अन्य सहित कई शीर्ष भाजपा नेता शामिल हुए।

नायडू के साथ, 24 विधायकों ने आज कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। इनमें से 17 मंत्री नए हैं। नायडू के मंत्रिमंडल में तीन महिलाएं, आठ पिछड़े वर्ग के नेता, दो एससी, एक एसटी और एक मुस्लिम शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में तेलुगु सुपरस्टार के चिरंजीवी और पवन कल्याण के साथ गर्मजोशी भरे पल साझा किए।

उन्होंने दोनों भाइयों को हाथ पकड़कर मंच के बीच में ले गए, जिससे भाजपा के आंध्र गठबंधन की महत्ता रेखांकित हुई। उन्होंने हाथ पकड़कर कैमरों के सामने पोज भी दिए। आंध्र प्रदेश के शपथ ग्रहण समारोह में श्री मोदी ने जन सेना प्रमुख पवन कल्याण, अभिनेता और पद्म विभूषण से सम्मानित कोनिडेला चिरंजीवी, अभिनेता रजनीकांत, अभिनेता-राजनेता नंदमुरी बालकृष्ण और अन्य केंद्रीय मंत्रियों और टीडीपी नेताओं से मुलाकात की।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ लेने के बाद पीएम मोदी ने श्री नायडू के साथ एक सुखद पल भी साझा किया। पद की शपथ लेने के बाद, श्री नायडू पीएम मोदी के पास गए और दोनों नेताओं ने गले मिलकर आंध्र में टीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गठन को चिह्नित किया। पीएम मोदी के कैबिनेट सहयोगी अमित शाह, नितिन गडकरी और जेपी नड्डा भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए, इसके अलावा शिवसेना के एकनाथ शिंदे और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान जैसे गठबंधन सहयोगी भी शामिल हुए।

भाजपा ने आंध्र प्रदेश में टीडीपी और पवन कल्याण की जन सेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। श्री नायडू के बाद श्री कल्याण ने भी मंत्री के रूप में शपथ ली। भाजपा-टीडीपी-जन सेना गठबंधन ने एक साथ हुए लोकसभा और आंध्र प्रदेश चुनावों में जीत हासिल की। ​​उन्होंने विधानसभा की कुल 175 सीटों में से 164 और आंध्र की 25 लोकसभा सीटों में से 21 सीटें जीतीं।

चित्तूर जिले के नरवरिपल्ली गांव में 20 अप्रैल 1950 को जन्मे श्री नायडू 1978 में कांग्रेस में शामिल हुए और 28 साल की छोटी उम्र में टी अंजैया कैबिनेट में मंत्री बने। उन्होंने तेदेपा के संस्थापक एनटी रामा राव (जिन्हें प्यार से एनटीआर कहा जाता है) की पुत्री एन भुवनेश्वरी से शादी की।

श्री नायडू ने अपने ससुर के खिलाफ विद्रोह करके 1995 में उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और खुद मुख्यमंत्री बन गये। वह 1995-2004 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। इसके बाद उन्होंने 2014 में विभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला और अब 2024 में चौथी बार इस पद पर आसीन हुए हैं।

श्री नायडू के एजेंडे में अमरावती उनका ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इसीलिये इसे विशेष दर्जा दिलाने के लिए 2018 में राजग के साथ अपने संबंधों को तोड़ लिया लेकिन वे 2019 में हार गये। उन्होंने 2024 चुनाव के पहले छह वादे किये थे। इनमें राज्य की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, वयस्क महिलाओं को मासिक नकद सहायता, विद्यार्थियों को सहायता, बुजुर्गों के लिए पेंशन, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता और हर घर को तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देना शामिल है।

अनुमान के अनुसार, सरकार को जुलाई में अकेले 65 लाख लाभार्थियों को सामाजिक पेंशन देने के लिए 4,500 करोड़ रुपये की जÞरूरत है, इसके अलावा, वेतन और पेंशन पर 6,500 करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि श्री नायडू के सामने एक और चुनौती राज्य की अर्थव्यवस्था की स्थिति हो सकती है।

वर्ष 2023-24 के बजट के अनुसार राज्य पर 4.83 लाख करोड़ रुपये का सार्वजनिक ऋण है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का लगभग 33.3 प्रतिशत है। पूर्ववर्ती वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाओं की अधिकता के कारण सरकार का कोष खत्म हो गया है। अपने चुनाव अभियान के दौरान श्री नायडू ने भी बार-बार राज्य का खजाना खाली होने की बात कही थी।

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