खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह चुनाव जीते जेल में रहकर शपथ लेंगे
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ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर लगे खालिस्तानी नारे
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी :जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा सीट से आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता है।अमृतपाल सिंह फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। अमृतपाल सिंह जेल से चुनाव तो जीत गए, लेकिन अब सवाल ये है कि आगे क्या होगा, वो सांसद पद की शपथ कैसे लेंगे?खालिस्तानी काडर ने कहा कि अमितपाल सिंह सांसद के रूप में डिब्रूगढ़ जेल में शपथ लेंगे।
इतना तो स्पष्ट है कि खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव जीतने का मतलब यह नहीं है कि अब अमृतपाल सिंह जेल से बाहर आएंगे और सांसद के रूप में काम करना शुरू कर देंगे। भारतीय संविधान के जानकारों का मानना है कि शपथ लेने के लिए संसद में आना पड़ता है और यह उनका कानूनी अधिकार भी है। शपथ लेना सांसद के रूप में किसी भी चुने हुए व्यक्ति की भूमिका को पूरा करने की दिशा में पहला कदम है।
भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सतपाल जैन का कहना है कि जेल में रहते हुए लोकसभा चुनाव जीतने वाला व्यक्ति जिला अधिकारी की अनुमति के बाद स्पीकर द्वारा निर्धारित समय के अनुसार लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ले सकता है। उनके मुताबिक,स्पीकर तय करेंगे कि शपथ सदन में ली जाए या स्पीकर के चैंबर में।
उन्होंने कहा कि जेल में बंद किसी व्यक्ति के संसद सदस्य चुने जाने का यह पहला मामला नहीं है। इसी वर्ष मार्च में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद में होने के बावजूद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को अदालत ने दूसरी बार राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की अनुमति दी थी। अमृतपाल सिंह मार्च, 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 में अस्तित्व में आया था।
दूसरी ओर, आज ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर असम में लगे खालिस्तानी नारे।अज्ञात व्यक्तियों ने गुवाहाटी शहर के डाकघर की दीवार पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हैं, जिसके कारण पुलिस की मौजूदगी और जांच शुरू हो गई है। आज सुबह-सुबह मिले भित्तिचित्रों में पूर्व खालिस्तानी क्षेत्र घोषित करें और भारत से यूनेस्को का अनुरोध करें जैसे वाक्यांश शामिल थे।
इस घटना ने क्षेत्र में खालिस्तानी उग्रवाद की भावनाओं के फिर से उभरने के बारे में निवासियों और अधिकारियों के बीच चिंता पैदा कर दी है।घटनास्थल पर पुलिस के तुरंत पहुंचने के बावजूद, अपराधियों के बारे में कोई सुराग या जानकारी नहीं मिली है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और लोगों से ऐसी कोई भी जानकारी देने की अपील कर रही है जिससे जिम्मेदार लोगों की पहचान करने में मदद मिल सके।
स्थानीय निवासियों ने अपनी बेचैनी व्यक्त करते हुए कहा कि शहर में हाल के वर्षों में खालिस्तानी समर्थन का ऐसा खुला प्रदर्शन नहीं देखा गया है। अधिकारी ऐतिहासिक संदर्भ और अशांति की संभावना को देखते हुए इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं। पुलिस किसी भी तरह की बर्बरता को रोकने और लोगों को आश्वस्त करने के लिए उस स्थान पर मौजूद है। जांच आगे बढ़ने पर और अपडेट दिए जाएं।