घटक दलों के नेताओं के साथ बैठक पर पत्ते अब भी नहीं खुले
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नीतीश और चंद्राबाबू किंग मेकर बने
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छोटे घटक दलों की भी मांग बढ़ेगी
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कांग्रेस को मिलेगा विरोधी दल नेता
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः भाजपा के अंदर के खेमे से आ रही सूचनाओं को सही मानें तो नरेंद्र मोदी अभी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की जल्दबाजी में है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह इसी सप्ताह तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। वैसे भाजपा के अपने बलबूते पर पूर्ण बहुमत से दूर होने की वजह से यह अब एनडीए के अन्य घटक दलों से मोलभाव पर निर्भर कर रहा है।
राजनीतिक स्थिति को समझते हुए सभी घटक दल समर्थन के एवज में अपनी अपनी हिस्सेदारी अधिक चाहते हैं। ऐसा इसलिए भी है कि भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार ने इन दलों को कभी गंभीरता से लिया नहीं गया था। सूत्रों के मुताबिक, 8 जून यानी अगले शनिवार शाम को दिल्ली में मोदी का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं। इस रिपोर्ट के प्रकाशन के समय, मोदी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने और अपना त्याग पत्र सौंपने के लिए पहले ही राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके थे। नियमों के मुताबिक वह राष्ट्रपति से नई सरकार के गठन की मांग करेंगे।
लोकसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित हो गए। 2014 और 2019 की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा को संसद के निचले सदन में पूर्ण बहुमत नहीं मिला। लेकिन गठबंधन के तौर पर एनडीए का पलड़ा भारी है। 545 सीटों वाली (दो नामांकित सहित) लोकसभा में बहुमत के लिए 273 सीटों की आवश्यकता है।
भाजपा ने अकेले दम पर 240 सीटें जीतीं। इसलिए उसे सरकार बनाने के लिए 32 और सीटों के सांसदों की जरूरत है। वैसे भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन एनडीए 292 लोकसभा सीटों की संख्या का गणित कहता है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो केंद्र में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। मोदी प्रधानमंत्री हैं। उस माहौल में, वह अगले शनिवार को तीसरी बार भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं यदि गठबंधन एनडीए सरकार बनती है और मोदी प्रधान मंत्री बनते हैं, तो वह जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे व्यक्ति होंगे, जो जा रहे हैं लगातार तीन बार प्रधान मंत्री के रूप में बैठने के लिए।
गौरतलब है कि मोदी बुधवार को लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा के लिए बैठक में बैठे थे। बैठक सुबह 11:30 बजे प्रधानमंत्री आवास पर शुरू हुई। यह दूसरी मोदी सरकार की मंत्रिपरिषद की आखिरी बैठक थी। सूत्रों के मुताबिक वहां शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने का फैसला लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, पहले मोदी का शपथ ग्रहण समारोह अगले रविवार यानी 9 जून को होना तय हुआ था। लेकिन बाद में उस दिन को बदल कर शनिवार कर दिया गया।
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी गठबंधन इंडिया ने 233 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस ने पिछली बार से अपनी सीटों की संख्या बढ़ा ली है। इस लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस का आभासी पुनरुत्थान हुआ है। उन्हें 99 सीटें मिलीं। विपक्ष के नेता के पद के लिए लोकसभा में 55 सीटें जीतना आवश्यक है। लेकिन 2014 में 44 और 2019 में 52 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को संसदीय नियमों के मुताबिक वह दर्जा नहीं मिला। इस बार राहुल गांधी की पार्टी मल्लिकार्जुन खड़गे को वो दर्जा मिलने जा रहा है। पूर्व में अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता थे पर वह इस बार अपनी सीट से पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान से चुनाव हार चुके हैं।
लेकिन इस बार मोदी को उस लोकसभा में अकेले बहुमत खोकर जाना होगा। 370 तो दूर, भाजपा अकेले 250 सीटों की दहलीज भी पार नहीं कर पाई। नतीजतन, मोदी-शाह को सरकार बनाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन या एनडीए के अन्य सहयोगियों की ओर देखना होगा। अब चंद्राबाबू नायडू और नीतीश कुमार समर्थन किन शर्तों पर देंगे, इस पर भाजपा खेमा में चुप्पी है। खुद दोनों नेताओं ने भी अपनी पार्टी की मांग के बारे में कुछ नहीं कहा है। दोनों ने सिर्फ यही कहा है कि वह पहले से एनडीए के साथ है।