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इस बार बिना कैमरे के ध्यान लगाये नरेंद्र मोदी

मोदी के कन्याकुमारी विश्राम पर भी कांग्रेस चुनाव आयोग के पास

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जब ध्यान लगाएं, तो वे किसी कैमरे को अपने पास नहीं रहने दें। श्री मोदी के कन्याकुमारी के पास जाकर घंटे ध्यान लगाने पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से ऐसा सुनिश्चित करने को कहा है। पार्टी का दावा है कि प्रधानमंत्री अगले गुरुवार से कन्याकुमारी में 48 घंटे के ध्यान के माध्यम से मौन अवधि (चुनाव से पहले गुरुवार शाम 6 बजे से प्रचार बंद कर दिया जाना चाहिए) का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहे हैं। जो वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।

मतदान अगले शनिवार को है। ऐसे में कांग्रेस की मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी के चिंतन का प्रसारण नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, कांग्रेस उस मांग को कितना पूरा करेगी, इसे लेकर असमंजस की स्थिति है। एक रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि ऐसे कोई चुनाव नियम नहीं हैं जो मोदी को चुनाव से पहले ध्यान करने से रोक सकें।

बुधवार को आयोग से मुलाकात के दौरान कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, अभिषेक सिंघवी और सैयद नासिर हुसैन ने मोदी के चिंतन पर एक ज्ञापन दिया। उन्होंने दावा किया कि अगर मोदी ने कन्याकुमारी पर ध्यान करने का दावा किया तो यह आचार संहिता का उल्लंघन होगा। कांग्रेस ने यह भी दावा किया है कि जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 का उल्लंघन होगा।

ज्ञापन में कांग्रेस ने मोदी के ध्यान को टीवी पर प्रसारित करने की शिकायत की है। दूसरे शब्दों में कहें तो वाराणसी लोकसभा चुनाव के ‘मौन काल’ के दौरान मोदी के चिंतन का प्रसारण किया जाएगा। वह कन्याकुमारी में बैठकर चिंतन करके आदर्श आचार संहिता को अंगूठा देना चाहते हैं। और मोदी वोटरों का दिल जीतना चाहते हैं।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछले कुछ दिनों में आचरण के 27 और मानदंडों का उल्लंघन किया है, वह 24-48 घंटों के बाद ध्यान शुरू कर सकते हैं। यानी आप 1 जून की शाम से ही ध्यान शुरू कर सकते हैं। और अगर वह 30 मई से ध्यान करना चाहते हैं तो चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका टीवी पर प्रसारण न हो या प्रेस में खबर प्रकाशित न हो।

साइलेंस पीरियड के दौरान प्रचार करने का जिक्र लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में किया गया है। लेकिन जब मतदान कई चरणों में होता है, तो वह चुनाव नियम लागू नहीं होता है। आयोग की ओर से पिछले महीने जारी अधिसूचना के मुताबिक अगर चुनाव किस क्षेत्र में हो रहा है इसका जिक्र नहीं है तो कोई बाधा नहीं है। यदि कोई शब्द नहीं बोला जाता है, तो मतदान नियमों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा, ऐसा संबंधित हलकों को लगता है।

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