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चुनाव आयोग ने पांच चरणों का डेटा जारी किया

एक करोड़ से अधिक वोट कैसे बढ़े पर कोई सफाई नहीं

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले पांच चरणों में डाले गए वोटों की संख्या पर डेटा जारी किया। चुनाव आयोग ने 25 मई को चुनाव के पहले पांच चरणों में डाले गए वोटों की संख्या पर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र-वार डेटा जारी किया, इसके ठीक एक दिन बाद। सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें ईसीआई को बूथ-वार दर्ज वोटों का हिसाब दिखाने वाले फॉर्म 17सी की प्रमाणित, स्कैन की गई और सुपाठ्य प्रतियां अपलोड करने के लिए कहा गया था। वैसे मतदान के दिन के काफी समय बाद मतदान का प्रतिशत बढ़ने के मुद्दे पर आयोग की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गयी है। दरअसल सारा कुछ ऑनलाइन और डिजिटल होने के बाद भी इसमें देर क्यों हुई, इस पर भी आयोग ने कुछ नहीं कहा है।

शनिवार को यह डेटा जारी करते हुए, ईसीआई ने जोर देकर कहा कि चुनावी प्रक्रिया को खराब करने के लिए झूठी कहानियां और शरारती डिजाइन तैयार करने का एक पैटर्न है। इसमें कहा गया है कि डाले गए वोटों की संख्या में कोई भी बदलाव संभव नहीं है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसने प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की पूर्ण संख्या को शामिल करने के लिए मतदान डेटा के प्रारूप को और विस्तारित करने का निर्णय लिया है।

चुनाव आयोग ने कहा कि कुल मतदाताओं के लिए मतदान प्रतिशत को लागू करके सभी नागरिकों द्वारा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार पूर्ण संख्याएं देखी जा सकती हैं, दोनों पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं। मतदाता वे हैं जो मतदाता सूची का हिस्सा हैं और मतदाताओं के लिए पात्र हैं। मतदाता वे हैं जो वास्तव में चुनाव में अपना वोट डालते हैं। जबकि चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत जारी कर रहा था, हर चरण में मतदाताओं की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करने की मांग की गई थी।

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