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तेजपुर सेंट्रल जेल में तीन कैदियों के फरार होने के बाद हाई अलर्ट

अधीक्षक और अमृत पाल सिंह की मिलीभगत


  • जेल के अधीक्षक अवैध गतिविधि में शामिल थे

  • लोकसभा चुनाव का फायदा उठाने की साजिश

  • इसी जेल में बंद है पंजाब के बड़े आतंकवादी भी


भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी : असम की तेजपुर केंद्रीय जेल में तीन कैदियों के भागने के बाद अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। भागने वालों की पहचान इंदजीत मंडल, ज़हेरुल इस्लाम और थुलेश्वर ताती के रूप में की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों जेल की दीवार फांदकर भागने में कामयाब रहे। इंदजीत मंडल मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं, जबकि जहरुल इस्लाम और थुलेश्वर ताती का संबंध असम के थेलामारा से है।

गौरतलब है कि जहरुल इस्लाम और थुलेश्वर ताती पर बच्चों के अपहरण और बच्चों से दुष्कर्म से जुड़े मामलों में शामिल होने का आरोप है. इस घटना ने असम की तेजपुर केंद्रीय जेल में सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अधिकारी भागने के आसपास की परिस्थितियों की सक्रिय रूप से जांच कर रहे हैं और भगोड़ों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के प्रयास तेज कर रहे हैं। इस बीच, भागे हुए कैदियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।

इस बीच, असम पुलिस ने विशेष जांच में पाया कि डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल के अधीक्षक निपेन दास अवैध गतिविधि में शामिल थे। डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृत पाल सिंह और उनके सहयोगी की असम में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार अमृत पाल सिंह की सुरक्षा के लिए दिल्ली से दो कंपनियां भेजी जा रही हैं। दरअसल, आगामी लोकसभा चुनाव में अमृत पाल सिंह की ओर से लोकसभा चुनाव का फायदा उठाकर जेल से भागने की कोशिश की जा सकती है।

यही कारण है कि असम सरकार और केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल की सुरक्षा बढ़ा दी है। डिब्रूगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संवाददाता को बताया कि अमृत पाल सिंह की असम पुलिस और जेल गार्ड के साथ मिलीभगत थी। इस कारण पूरे जेल सुरक्षाकर्मी को दिल्ली से भेजे गए नए सुरक्षाकर्मियों के रूप में बदल दिया गया है।

यहाँ उल्लेख करें कि, असम की डिब्रूगढ़ पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों की सेल की जांच की, जिस दौरान जेल में आपत्तिजनक सामग्री मिली थी। उसके बाद डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक निपेन दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।  डिब्रूगढ़ जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) सिजल अग्रवाल ने आज इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार के अधीक्षक निपेन दास गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 (1) बी और असम कारागार अधिनियम की धारा 75 के तहत जुड़े हुए थे।

17 फरवरी को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के कब्जे से मोबाइल, जासूसी कैमरा आदि सामान बरामद किया गया था।  वहीं, पुलिस ने इस संबंध में डिब्रूगढ़ थाने में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, पुलिस ने इस संबंध में डिब्रूगढ़ थाने में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल का अधीक्षक खालिस्तान आतंकवादी संगठन के कुछ सदस्यों के साथ मिलकर काम कर रहा था। इसके अलावा जांच में पता चला है कि डिब्रूगढ़ जेल के अधीक्षक और अमृत पाल सिंह की मिलीभगत हुई थी।देशद्रोह के आरोप में डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह, दलजीत सिंह कलसी, पपलप्रीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, वरिंदर सिंह जौहल, गुरमीत सिंह, बुक्कनवाला, हरजीत सिंह, भगवंत सिंह, बसंत सिंह और गुरिंदरपाल सिंह औजला बंद हैं।

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