हर वक्त पानी निगल रहा है यहां की थोड़ी थोड़ी जमीन
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हर दिन आगे बढ़ रहा समुद्र
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छोटा सा नहर अब विशाल है
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पास के दो द्वीप पहले ही खत्म
राष्ट्रीय खबर
कोलकाताः पश्चिम बंगाल के के इस द्वीप की लड़की से कोई नहीं करना चाहता शादी। दरअसल यहां के बारे में सूचनाएं अब सार्वजनिक हो चुकी हैं। यहां के लोग हर पल आतंक में जीते हैं और रात को भी चैन की नींद नहीं सो पाते हैं। यहां के निवासियों को हर सुबह उठकर देखें कि आज पानी कितनी दूर तक आया है!
आज जल जिस किसी के घर की दहलीज को छू लेगा, वह नष्ट हो जाएगा। इस द्वीप पर लोगों का जीवन पानी पर कुछ ज्यादा ही निर्भर है।
इस द्वीप पर पानी आते ही लोग डर के मारे पीछे हट जाते हैं। किसी भी वक्त नदी सभी लोगों को निगल सकती है। कभी स्कूल नदी में समा जाता है तो कभी किसी का घर। जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं लोगों की बस्तियों का दायरा छोटा होता जा रहा है। घोड़ामारा द्वीप के निवासियों का जीवन पानी से त्रस्त है। समुद्र और घोड़ामारा द्वीप के बीच एक छोटी सी नहर थी। वह नहर अब छोटी नहीं रही। अब यह लगभग 8-9 किमी चौड़ी नदी बन गयी है। नदी और समुद्र का पानी जमीन को निगलने की लगातार कोशिश कर रहा है।
आए दिन लोगों के घर टूटते हैं। कभी जो पानी लोगों को खेती के लिए आश्वस्त करता था वह अब खतरा बन गया है। स्थानीय लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं कि कितने परिवारों के घरों को पानी ने निगल लिया है। घोडामारा द्वीप चावल की खेती के लिए जाना जाता है।
लेकिन वहां पान की खेती भी बहुत अच्छी होती है। लेकिन अब यहां आबादी बहुत कम है।
1960 तक जनसंख्या लगभग 25 हजार थी। अब यहां 5 हजार लोग भी नहीं हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस द्वीप पर कोई भी लड़की से शादी नहीं करना चाहता।
इस द्वीप के लड़के भी आसानी से शादी नहीं करना चाहते। किसी भी दिन यह द्वीप नष्ट हो जायेगा। यहां कभी भी किसी का भी परिवार बह सकता है। जलवायु परिवर्तन के कारण कई द्वीप नष्ट हो रहे हैं।
घोड़ामारा के बगल में लोहाचारा और सुपरिभंगाचारा नाम के दो द्वीप थे। लेकिन उस द्वीप को दो महासागरों ने निगल लिया है। जल ही जीवन है। लेकिन इस द्वीप पर पानी का मतलब जीवन और दर्द है। घोड़ामारा लोगों को रात में नींद नहीं आती है। सुबह घबराहट। इसका मतलब यह है कि सभी ग्रामवासी आज नहीं तो कल शरणार्थी होंगे और उनके पास उनकी अपनी जमीन या घर भी नहीं होगा।