झामुमो में बगावत के राष्ट्रीय प्रचार का गुब्बारा फूटा
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बिना ठोस जानकारी के फूट की खबर चली
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बसंत सोरेन ने मीडिया से सूत्र भी पूछा था
- फिलहाल 45 एमएलए सरकार के पास मौजूद
राष्ट्रीय खबर
रांचीः राष्ट्रीय मीडिया पिछले तीन दिनों से झारखंड में सत्तारूढ़ महागठबंधन की सरकार को गिराने में खुलकर अपनी भूमिका निभा रहा है। मीडिया के लोग हेमंत सोरेन के यहां ईडी की पूछताछ के पहले ही गिरफ्तारी के लिए माहौल बनाते हुए हेमंत द्वारा की गयी गड़बड़ियों का पुलिंदा दोहरा रहे थे। अब पहली बार झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि ईडी ने हेमंत सोरेन को किस आरोप में और किन धाराओं में गिरफ्तार किया है, यह अब तक बताया नहीं गया है।
हेमंत की गिरफ्तारी के बाद स्वाभाविक तौर पर दूसरे मुख्यमंत्री का चयन होना था। महागठबंधन के नेताओं की बैठक में चंपई सोरेन को नेता चुना गया पर राज्यपाल ने एक साथ आये विधायकों से मिलना उचित नहीं समझा। नतीजा रहा है कि झारखंड राज्य एक दिन बिना सरकार के रहा। दूसरी लोकतांत्रिक व्यवस्था होती तो इस संवैधानिक संकट के लिए जिम्मेदार कौन है, यह सवाल उठाया जाता। नीतीश को पांच घंटे में शपथ दिलाने वाले राजभवन की असली सरकार को चंपई सोरेन को शपथ दिलाने में देर क्यों हुई, यह सवाल अनुत्तरित रह गया।
इस खेमा के विधायकों ने भाजपा को भाजपा की ही चाल से पछाड़ने के लिए अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए एक वीडियो जारी कर दिया। इस वीडियो में 43 विधायकों की गिनती खुद विधायकों द्वारा की गयी थी। इस वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद देर रात को राजभवन ने चंपई सोरेन को शपथ लेने का अनौपचारिक बुलावा भेजा। अगले दिन शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। उसके बाद संभावित ऑपरेशन लोट्स के खतरे को भांपते हुए विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया।
उसके बाद से झामुमो में फूट पड़ने की सूचनाएं लगातार प्रसारित की गयी। इसके लिए सीता सोरेन, बसंत सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम और चमरा लिंडा के नाम का भी उल्लेख किया गया। किसी ने इस बात का उल्लेख करना मुनासिब नहीं समझा कि शपथ ग्रहण समारोह में बसंत सोरेन और सीता सोरेन शामिल थे। चार लोगों के गायब हो जाने की सूचना के प्रसारण के बीच ही इस बात की जानकारी मिली है कि बसंत सोरेन झामुमो स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने गये थे।
शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने के बाद भी सीता सोरेन चंपई सोरेन के साथ लगातार मौजूद रही हैं। जिनके बारे में यह फैलाया गया कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, वह लोबिन हेम्ब्रम भी आज रात रांची में मौजूद हैं। वैसे अपनी आदत के मुताबिक झामुमो के इन लोगों ने मीडिया से बात करना मुनासिब नहीं समझा। बीच में सिर्फ बसंत सोरेन ने एक मीडिया से बात चीत में उल्टा सवाल यह पूछ लिया था कि आखिर मीडिया को किस सूत्र से सारी जानकारी मिल रही है। इतना कुछ प्रसारित होने के बीच सूत्र का भी खुलासा किया जाना चाहिए।
बता दें कि झारखंड में 81 विधायकों वाली विधानसभा है। बहुमत साबित करने के लिए 41 विधायकों का होना जरूरी है। इस बीच 43 विधायकों का वीडियो पहले ही जारी हो चुका है जबकि सीता सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम के लौट आने से इनकी संख्या अब 45 हो गयी है। इस तरह मीडिया के प्रचार का गुब्बारा फिर से पंक्चर होता नजर आ रहा है।