मामले पर विवाद के बाद अमेजन को नोटिस
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः श्रीराम मंदिर केउद्घाटन से पहले अमेजन पर राम मंदिर प्रसाद बेचा जा रहा है। इस बात पर जनता की तीखी प्रतिक्रिया सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने अमेजन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने शिकायत की है कि अमेज़न राम मंदिर की आम मिठाई को प्रसाद के नाम पर ऑनलाइन बेचकर आम लोगों को गुमराह कर रहा है। यह राम मंदिर का उद्घाटन नहीं था, इससे पहले आम मिठाई बेचने की शिकायत आई थी। जनता को प्रसाद के रूप में। मामला सामने आते ही केंद्र ने ट्रेड एसोसिएशन को नोटिस भेजा है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने केंद्र से शिकायत की है कि एक प्रतिष्ठित मार्केटिंग कंपनी अमेजन राम मंदिर का प्रसाद नाम की आम मिठाई ऑनलाइन बेचकर आम लोगों को गुमराह कर रही है। उनका सवाल है कि राम मंदिर के उद्घाटन में अभी एक दिन बाकी हैं। उससे पहले साधारण मिठाई को प्रसाद बताकर ग्राहकों को धोखा दिया जा रहा है। यह शिकायत मिलने के बाद केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने अमेज़न को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
अमेज़न से अगले सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है कि उसने ऐसा क्यों किया है। यह भी चेतावनी दी गई कि यदि कंपनी निर्धारित समय के भीतर जवाब देने में विफल रहती है, तो उनके खिलाफ उपभोक्ता अधिनियम, 2019 के तहत कार्रवाई की जाएगी। सीसीपीए ने कहा कि उसने देखा कि अमेज़ॅन पर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ और कन्फेक्शनरी बेचे जा रहे थे।
जिसमें कुछ मिठाइयों को राम मंदिर का प्रसाद बताकर बेचा जा रहा है और ग्राहकों को गुमराह किया जा रहा है। जो किसी भी तरह से वांछनीय नहीं है। सिर्फ अमेजन ही नहीं साइबर अपराधी भी राम मंदिर के प्रसाद के नाम पर जाल बिछा रहे हैं। राम मंदिर के प्रसाद के लिए पूरा देश उत्सुक है। और साइबर अपराधी इसका फायदा भी उठा रहे हैं। देश के कई हिस्सों से ऐसी कुछ घटनाएं सामने आ रही हैं।
प्रसाद भेजने के नाम पर मोबाइल पर लिंक भेजा जा रहा है। उस लिंक पर क्लिक करते ही अकाउंट खाली हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे। उस दिन रामलला की प्राणप्रतिष्ठा होगी। देश के अलग-अलग हिस्सों से तोहफे आने शुरू हो गए हैं। चंडीगढ़ से 150 क्विंटल लड्डू आ रहे हैं। हैदराबाद से 1265 किलो लड्डू पहले ही अयोध्या पहुंच चुका है। कई अन्य स्थानों से भी मंदिर में चढ़ावे के लिए प्रसाद भेजे गये हैं। मंदिर के विधिवत उदघाटन के बाद ही प्रसाद का वितरण होता है। इससे पहले ही प्रसाद बेचने का सीधा अर्थ ग्राहकों से ठगी करना है।