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वीडियो, पर्यटकों को सुंदरवन में भारी परेशानी

वहां के जंगलों में अब जाना नहीं चाहते हैं लॉंच मालिक


  • नये साल का जश्न ही नष्ट हो गया

  • यह पर्यटकों के आने का श्रेष्ठ समय

  • लाईसेंस रद्द होने से पैदा हुई परेशानी


राष्ट्रीय खबर

कैनिंगः साल के पहले दिन सुंदरबन में पर्यटकों को परेशान होना पड़ा। नए साल की पूर्व संध्या पर पर्यटक दिन भर नौका विहार करके नदी और मैंग्रोव वन की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए सुंदरबन आते हैं। इस बार वह उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। अधिकांश लॉन्च पर्यटकों के साथ जंगल में प्रवेश नहीं करना चाहते हैं! सुंदरबन में सैकड़ों लॉन्च बोट के लाइसेंस रद्द होने से यह स्थिति पैदा हुई है।

जंगल में बाघ देखने आते हैं पर्यटक

सुंदरबन लॉन्च-बोट को हर साल दक्षिण 24 परगना के जिला परिषद द्वारा लाइसेंस दिया जाता है। लेकिन इस बार कईयों ने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है। यदि वे बिना लाइसेंस के जंगल में प्रवेश करते हैं, तो वन विभाग उन पर जुर्माना लगाएगा, इस डर से कि लॉन्च मालिक पर्यटकों को बाहर नहीं ले जाना चाहते हैं। सुंदरबन टूरिस्ट बोट एसोसिएशन के अध्यक्ष गोलम सरदार ने कहा, भारी जुर्माने के डर से कोई भी जंगल में प्रवेश नहीं कर सकता। नतीजतन नावें घाट पर खड़ी हैं।

जिला प्रशासन सूत्रों के अनुसार कई लॉन्च और बोट मालिकों ने समय पर लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया। दिसंबर माह में संबंधित कार्यालयों में पहले से ही कम लोग आ रहे हैं। हालांकि, उन्हें लगता है कि छुट्टी के बाद 2 जनवरी से यह स्थिति सामान्य हो जाएगी। जिला परिषद की अध्यक्ष नीलिमा मिस्त्री विशाल ने कहा, कई लोगों को नए लाइसेंस नहीं मिले क्योंकि उन्होंने समय पर आवेदन नहीं किया था। कार्यालय खुलने के बाद आवेदन करने पर सभी को लाइसेंस मिल जाएगा।

इससे पर्यटकों को परेशानी हो रही है। बहुत से पर्यटक न केवल दूसरे राज्यों से भी यहां इसी मौसम मे आये हुए हैं। इन सभी पर्यटकों को इससे भारी परेशानी हो रही है। नाव-लॉन्च द्वारा वहां के जंगलों के बीच से गुजरना यहां का सबसे रोचक पर्यटन आनंद है। इस बार इस आनंद के बदले उन्हें कष्ट सहना पड़ा। उनके मुताबिक इस स्थिति की जानकारी प्रशासन को पहले ही देनी चाहिए थी। पर्यटकों की शिकायत रही कि अगर पहले से इस स्थिति की जानकारी होती तो वे पैसा खर्च कर यहां नहीं आते।

पर्यटकों के साथ आयी परेशानी की वजह से पर्यटन आधारित कारोबार भी बंद सा हो गया है। स्थानीय निवासी साल के इन्हीं चंद सप्ताहों में काफी पैसा कमाने की उम्मीद में रहते हैं। अब पर्यटन बंद होने से उनकी जीविका पर भी आंच आ गयी है। वे भी मानते हैं कि पर्यटक नहीं आने पर उनके लिए रोजगार का कोई दूसरा साधन भी इस इलाके में नहीं है।

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