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कोलकाताः 2600 साल पुराने खंडहरों की खुदाई के लिए बिहार सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। बिहार सरकार चीनी यात्री ह्वेन त्सांग द्वारा देखे गए बौद्ध स्तूपों पर शोध शुरू करने जा रही है। वहीं, हाल ही में बिहार के बांका जिले में मिले 2600 साल पुराने ढांचे के अवशेषों की भी खुदाई का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है।
चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने जिन बौद्ध स्तूपों का दौरा किया था, वे बिहार के वैशाली जिले में हैं। वहां शोध जारी रहेगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने हाल ही में राज्य के कला, संस्कृति और युवा मामलों के मंत्रालय की एक शाखा, बिहार हेरिटेज डेवलपमेंट सोसाइटी (बीएचडीएस) को इन दो साइटों का पता लगाने की अनुमति दी है। इसके बाद बिहार सरकार उन दोनों जगहों पर शोध करने के लिए सक्रिय हो गई है।
बांका जिले के भदरिया गांव में यह उत्खनन जारी रहेगा। भदरिया गांव चांदन नदी के तट पर स्थित है। इस गांव का जिक्र कई इतिहास की किताबों में है। संयोगवश, हाल ही में बांका जिले के अमरपुर प्रखंड के भदरिया गांव में चंदन नदी के पास 2600 युग की संरचना की खोज की गई थी। स्थानीय लोगों को छठ पूजा करते समय यह संरचना मिली।
इस संदर्भ में राज्य के कला, संस्कृति और युवा विभाग की अतिरिक्त प्रधान सचिव हरजोत कौर बमराह ने कहा, यह साबित हो गया है कि भदरिया एक ऐतिहासिक स्थान है। प्रारंभिक शोध के अनुसार, साइट पर खोजे गए खंडहर 2,600 साल पुराने हैं। सरकार ने यह पता लगाने के लिए भी कदम उठाए हैं कि क्या इन क्षेत्रों में भूमिगत कोई अन्य प्राचीन संरचनाएं हैं।
हरजोत ने कहा कि आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की एक टीम ने भूमिगत और जमीन पर पाई गई संरचनाओं के बारे में पता लगाने के लिए भदरिया गांव में पहले ही एक सर्वेक्षण किया है। गौरतलब है कि हिंदू पौराणिक कथाओं में घुमावदार मंदार पर्वत के कई संदर्भ मिलते हैं। बीएचडीएस के कार्यकारी निदेशक विजयकुमार चौधरी ने कहा, पौराणिक कथाओं के अनुसार, मंदार पर्वत का उपयोग समुद्र मंथन के दौरान अमृत निकालने के लिए किया गया था।