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जादूगर जादू कर जाएगा.. .. ..

जादूगर का जादू देख सारा ऑपोजिशन किसी पोजिशन में ही नहीं हैं। सारे औंधे मुंह पड़े हुए हैं। ऐसी पटखनी है कि चीख तक नहीं निकल पा रही है। मजबूरी में फिर से ईवीएम का रोना रोने लगे हैं। अरे भाई इसी को तो जादू कहते हैं। बार बार सबक मिला था तो तुमने कौन सा पहाड़ उखाड़ लिया। लेकिन एक अच्छी बात है कि बड़े भाई बनने की चाह में कांग्रेस फिर से सीधे जमीन पर आ गयी। अब इंडिया के अन्य सहयोगियों को दरकिनार कर अपनी राजनीति चलाने की बात तो कमसे कम कांग्रेस के नेता नहीं करेंगे।

गनीमत है कि कांग्रेस को तेलंगना में जीत मिली है। कर्नाटक के बाद एक और दक्षिण भारतीय राज्य में कांग्रेस की सत्ता का अर्थ है इन दोनों राज्यों में भाजपा को भी नये सिरे से मोर्चाबंदी करनी पड़ेगी।लेकिन भाजपा का असली टेंशन तो पंजाब और दिल्ली है। इन दोनों राज्यों में कमल फूल वाली दाल बिल्कुल भी नहीं गल पा रही है। अगर अगले लोकसभा चुनाव में गाड़ी पटरी से उतर गयी तो क्या होगा, यह सोचने वाली बात है।

इसी बात पर अलीबाबा और चालीस चोर का यह गीत याद आने लगा है। वर्ष 1980 में बनी इस फिल्म के गीत को लिखा था आनंद बक्षी ने और संगीत में ढाला था राहुल देव वर्मन ने। इसे आशा भोंसले और किशोर कुमार ने अपना स्वर दिया था। गीत के बोल इस तरह हैं।

जादूगर जादू कर जायेगा किसी को समझ नहीं आएगा

ओ मरजिना नाच हसीना मुश्किल कर दे सब का जीना

नहीं तो नहीं तो जादूगर जादू कर जायेगा

किसी को समझ नहीं आएगा

ओ मरजिना नाच हसीना मुश्किल कर दे सब का जीना

नहीं तो नहीं तो जादूगर जादू कर जाएगा

किसी को समझ नहीं आएगा

नाचेगी तेरी जवानी देखेगी दुनिया दीवानी

हर चीज़ है मेरे बस में क्या आग है क्या है पानी

ओ नाचेगी तेरी जवानी देखेगी दुनिया दीवानी

हर चीज़ है मेरे बस में क्या आग है क्या है पानी

अरे छू मंतर छू देख इधर तू पहन ले इन को ले ये घुँघरू

वार्ना गज़ब हो जायेगा

ए जादूगर जादू कर जायेगा किसी को समझ नहीं आएगा

मन तुझे मैंने मन तू जादूगर है दीवाना

बेबस मुझे कर दिया यूँ ठहरा है सारा ज़माना आ

मन तुझे मैंने मन तू जादूगर है दीवाना

बेबस मुझे कर दिया यूँ ठहरा है सारा ज़माना

बेबस हद कर दी ओ बेदर्दी बतला क्या है तेरी मर्ज़ी

कब तक मुझे तडपायेगा

ए जादूगर जादू कर जायेगा किसी को समझ नहीं आएगा

किस्मत का चमका सितारा तू ने मुझे जब पुकारा

चुप चाप तू नाचती जा जब तक करूँ मैं इशारा

ओ किस्मत का चमका सितारा तू ने मुझे जब पुकारा

चुप चाप तू नाचती जा जब तक करूँ मैं इशारा

ओ तेरे कदमों में यह सार है तू है तो फिर किस का डर है

जो होगा देखा जायेगा ओ

ए जादूगर जादू कर जायेगा किसी को समझ नहीं आएगा

ओ मरजिना नाच हसीना मुश्किल कर दे सब का जीना

नहीं तो नहीं तो ए जादूगर जादू कर जायेगा

किसी को समझ नहीं आएगा

वइसे तो अब साल  बीत रहा है तो मजे कीजिए। अगले साल में फिर से अयोध्या में राम मंदिर का उदघाटन होने जा रहा है। उसके बाद भी असली फाइनल का मैच होगा। भाजपा के लिए भी यह आसान तो नहीं होगा। भले ही हिंदी पट्टी में फिर से सफलता मिली हो पर अंदरखाने में जनता नाराज है, यह भाजपा वाले भी जानते हैं। ऊपर से ओबीसी का मुद्दा काम नहीं कर पाया, यह दावा भी गलत है।भले कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ईवीएम को जिम्मेदार ठहरा दें लेकिन वाकई जादूगर के जादू को तो दाद देनी ही पड़ेगी। इसे कहते हैं आंख बंद और डब्बा गायब। सभी को फिर से चकरा दिया कि ईवीएम के अंदर से ऐसा रिजल्ट निकला कि सभी को बोलती बंद हो गयी।

इस जादू के बाद भी भाजपा की परेशानी भी बरकरार रहेगी क्योंकि अडाणी वाले मुद्दे पर अब तक मैंगो मैन संतुष्ट नहीं हो पाया है। ऊपर से हर स्तर पर वादा के पूरा नहीं होने की जानकारी भी धीरे धीरे बाहर आने लगी है। असली टेंशन तो सुप्रीम कोर्ट को लेकर हैं, जहां एक नहीं अनेक ऐसे मामले दर्ज हैं जिनमें एक का भी फैसला अगर उल्टा तो सरकार को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली के मुख्य सचिव में एक्सटेंशन को स्वीकार करने के बाद भी सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी तो जाहिर कर ही दी है।

दूसरी तरफ अचानक ईडी का राजनीतिक एजेंडा सुस्त क्यों पड़ गया, यह भी देखने वाली बात है। वरना तो माहौल ऐसा बनाया गया था कि ईडी और सीबीआई वाले एक साथ भूपेश बघेल, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को गिरफ्तार करने वाले हैं। अब महुआ मोइत्रा को लोकसभा से बाहर निकालने से अडाणी को कोई फायदा होता है या नहीं इस जादू की भी परख बाकी है।

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