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कोलकाताः कुछ युवकों ने कॉल सेंटर की आड़ में कंप्यूटर हैक कर करोड़ों रुपये की ठगी की। इसकी शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोह की जांच करें। तब बैरकपुर पुलिस के खुफिया विभाग ने उस शिकायत के चलते देहरादून से 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।
इस अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी चक्र का पर्दाफाश कर बड़ी सफलता हासिल हुई है। बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी नॉर्थ श्रीहरि पांडे ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी। यह ठग वरिष्ठ नागरिकों को धोखा देते हैं और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से उनके बैंक खातों से करोड़ों रुपये साफ कर लेते हैं। बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट ने इस साइबर धोखाधड़ी का खुलासा किया। गिरफ्तार लोगों को शनिवार को अदालत में पेश किया गया।
इस बीच पुलिस सूत्रों के मुताबिक 18 अक्टूबर को खरदा थाने की पुलिस ने एक अवैध कॉल सेंटर पर छापेमारी की। वहां से पुलिस को कई दस्तावेज हाथ लगे और पता चला कि ठगी का यह नेटवर्क काफी दूर तक फैला हुआ है। यहां से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस सबूत की अहमियत के मुताबिक मामले की जांच बैरकपुर खुफिया विभाग को दी गई। जांच करने पर पुलिस को और जानकारी मिली कि कॉल सेंटर के पीछे अमेरिका और कनाडा में कई लोगों के बैंक खातों से करोड़ों रुपये उड़ाए गए थे। और धोखाधड़ी के इस कृत्य के मुख्य आरोपी फरार हो गए हैं।
वहीं 25 अक्टूबर को बैरकपुर के खुफिया विभाग ने जांच के दौरान एक और शख्स को गिरफ्तार किया। फिर अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोह के बारे में पता लगाने के लिए सभी से पूछताछ की जाती है। श्रीहरि पांडे ने कहा, उस जानकारी के आधार पर बाकी ऑपरेशन चलाया गया। शनिवार को गिरफ्तार किए गए लोगों को सामने लाया गया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस उनसे बार-बार पूछताछ करेगी। जांच अधिकारी यह देखना चाह रहे हैं कि पर्दे के पीछे कोई और भी तो नहीं है। और क्या ज्ञात है?
गुप्त सूत्रों से सूचना पाकर खुफिया विभाग के कुछ अधिकारी देहरादून गये। वहां के एक लग्जरी होटल से छह लोगों का अपहरण कर बैरकपुर लाया गया। उन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत के अनुरोध के साथ बैरकपुर अदालत ले जाया गया ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके साथ और कौन शामिल है।
बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी नॉर्थ श्रीहरि पांडे ने कहा, तीन दिन पहले उत्तराखंड के देहरादून में हमला हुआ था। कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने विदेशी वरिष्ठ नागरिकों को लालच देकर और उनके कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को हैक करके उनके खातों से हजारों करोड़ रुपये उड़ा लिए। चार साल से आरोपी खारड़ा से ठगी का यह सिलसिला चला रहे थे।