Breaking News in Hindi

वसुंधरा राजे को पारंपरिक सीट मिली

  • महारानी के तेवर बगावती बने हुए थे

  • कई इलाकों में उल्टी प्रतिक्रिया भी है

  • एमपी में तीन मंत्रियों को टिकट नहीं

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः अंततः पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी बात मनवाने में कामयाब रही। इससे पहले पार्टी नेतृत्व और खासकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के प्रति उन्होंने तीखा तेवर अपना रखा था, जिससे भाजपा भी राजस्थान के चुनावी भविष्य को लेकर संशय में थी। दोनों तरफ से शह और मात का खेल काफी दिनों चला।

इसके बाद भाजपा ने 21 अक्टूबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 83 और उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को उनकी पारंपरिक झालरापाटन सीट से मैदान में उतारा गया। पार्टी ने नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ से मैदान में उतारने का फैसला किया है, क्योंकि इससे पहले पांच बार के विधायक नरपत सिंह राजवी को विद्याधर नगर सीट से दोबारा टिकट नहीं दिया गया था, जो दिग्गज नेता भैरों सिंह शेखावत के दामाद हैं।

इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग में तीखी प्रतिक्रिया हुई। राजवी द्वारा गुस्से में प्रतिक्रिया व्यक्त करने और पार्टी पर हमला करने के लिए अपनी पारिवारिक विरासत का हवाला देने के बाद उनकी उम्मीदवारी पर भाजपा नेतृत्व के फैसले को क्षति-नियंत्रण अभ्यास के रूप में देखा जा रहा है। इन नामों में हाल ही में पार्टी में शामिल हुए महाराणा प्रताप सिंह के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ भी शामिल हैं। उन्हें नाथद्वारा से मैदान में उतारा गया है, जहां 2018 में दिग्गज कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने जीत हासिल की थी।

पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया को अंबर से मैदान में उतारा गया है, जिस सीट का वह वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं। सूची में विधानसभा में उसके नेता राजेंद्र राठौड़ का नाम भी शामिल है. दूसरी सूची के साथ, भाजपा ने अब तक 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए 124 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं।

दूसरी तरफ  मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी पांचवीं लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 92 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। भाजपा अब तक 228 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। अब केवल 2 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित होने बाकि हैं। इंदौर-3 से मौजूदा विधायक आकाश विजयवर्गीय का टिकट काट दिया है।

उनकी जगह राकेश शुक्ला को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, सिंधिया समर्थक मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया को फिर से गुना जिले की बमौरी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया है। इस बार भाजपा ने 3 मंत्रियों के टिकट काट दिए हैं। मंत्री ओपीएस भदौरिया, यशोधरा राजे सिंधिया और गौरीशंकर बिसेन को इस बार मौका नहीं दिया गया है।

गौरीशंकर बिसेन की जगह पार्टी ने उनकी बेटी मौसमी बिसेन को बालाघाट विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। इसका अंदेशा पहले से ही लगाया जा रहा था जबकि कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव मैदान में उतारने के साथ साथ उनके पुत्र का टिकट काटा गया है। भाजपा ने मनगंवा सीट से नया प्रयोग करते हुए नरेंद्र प्रजापति पर दांव चला है। भाजपा ने यहां से अपने वर्तमान विधायक पंचूलाल प्रजापति का टिकट काट दिया है। मंत्री रामखेलावन पटेल को भाजपा ने अमरपाटन से प्रत्याशी बना दिया। भाजपा ने त्योंथर से सिद्धार्थ तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.