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चक्रवाती तूफान की परिस्थिति बंगाल की खाड़ी में बनी

राष्ट्रीय खबर

कोलकाताः पूजा के मुहाने पर बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का एक क्षेत्र बना हुआ है। इस बारे में पहले से ही अनुमान व्यक्त किया गया था। अब मौसम वैज्ञानिकों को लग रहा है कि यह धीरे धीरे मजबूत हो रहा है। अगले दो दिनों में इसकी परिस्थिति और स्पष्ट होगी और अगर वाकई ऐसा हुआ तो नवमी के दिन से बारिश हो सकती है। इससे पहले दुर्गा पूजा के दिनों में कहीं भी भारी बारिश होने की संभावना नहीं है। अलीपुर मौसम विभाग ने कहा, मुख्य रूप से हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से दक्षिण बंगाल के निचले इलाकों में प्रवेश कर रही है। इसके चलते 20 अक्टूबर तक मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। पूजा के अंत में कुछ जिलों में बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार से अगले रविवार तक दक्षिण बंगाल में कहीं भी बारिश नहीं होगी। अष्टमी तक सभी जगह शुष्क मौसम रहेगा। लेकिन नवमी से मौसम में कुछ बदलाव हो सकता है। कोलकाता के अलावा दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और पूर्वी मिदनापुर के कुछ हिस्सों में नवमी के दिन बहुत हल्की बारिश होने की संभावना है। दसवें दिन बारिश अधिक होगी। मौसम विभाग के मुताबिक दशमी के दिन भी ये छह जिले हल्की से मध्यम बारिश से भीग सकते हैं। उस दिन बारिश की 70 से 80 फीसदी संभावना है। शेष दक्षिणी जिलों में दशमी के दिन बादल छाये रह सकते हैं और छिटपुट हल्की बारिश हो सकती है। नवमी में बारिश की संभावना काफी कम (सिर्फ 30-40 फीसदी) है।

दूसरी तरफ भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अरब सागर में विकसित होने वाले चक्रवाती तूफान के कारण मुंबई, भारत में मौसम परिवर्तन के बारे में चेतावनी जारी की है। आईएमडी के मौसम अपडेट में बताया गया कि अगले 48 घंटों में दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है।

इस कम दबाव वाले क्षेत्र के 21 अक्टूबर के आसपास मध्य अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। आईएमडी ने मछुआरों को महाराष्ट्र तट और दक्षिण गुजरात तट के आसपास समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी है। महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट के किनारे के निवासियों को नवीनतम मौसम अपडेट से अवगत रहने और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है। यदि किसी उष्णकटिबंधीय तूफान का विकास होता है तो नामकरण प्रक्रिया के अनुसार उसका नाम तेज रखा जाएगा।

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