नई दिल्ली: सीबीआई ने साइबर ठगी के बड़े गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है। इस क्रम में देश भर में 72 स्थानों पर छापेमारी की गयी है। इनमें कथित तौर पर तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़ॅन के तकनीकी सहायता प्रतिनिधियों के रूप में छद्मवेशी बनकर विदेशी नागरिकों को धोखा देने वाली कंपनियां भी शामिल हैं।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि चीनी लिंक वाली कंपनियों से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी से संबंधित तीन अन्य मामलों में भी तलाशी ली गई। यह तलाशी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली सहित कई राज्यों में की गई। एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, वे सीबीआई के ऑपरेशन चक्र 2″ का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य संगठित साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों से लड़ना और उन्हें खत्म करना था।
अधिकारी ने कहा, यह ऑपरेशन माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़ॅन के साथ-साथ अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से आयोजित किया गया था। सीबीआई के एक सूत्र के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने शुरुआती दो मामलों में एक साल तक जांच की, जिसमें नौ भारत-आधारित कंपनियों का खुलासा हुआ, जो टेक दिग्गज की नकल कर रही थीं और यूके और यूएस के विदेशी नागरिकों को धोखा दे रही थीं।
ऐसा पता चला है कि माइक्रोसॉफ्ट की पूछताछ में पता चला है कि इनमें से छह कंपनियां धोखाधड़ी से अमेज़ॅन की पहचान का भी उपयोग कर रही थीं। बाद में दोनों तकनीकी दिग्गजों ने प्रासंगिक डेटा इकट्ठा करने के लिए सहयोग किया और संयुक्त रूप से एक व्यापक जांच के लिए सीबीआई के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज की।
सूत्र ने कहा, ये नौ कंपनियां या कॉल सेंटर बड़े परिचालन वाले बड़े प्रतिष्ठान थे जो आयकर भी दे रहे थे। इन्हें भारत से संचालित किया जा रहा था और इनकी पहचान कर ली गई। तकनीकी दिग्गजों से मिली जानकारी के बाद तलाशी ली गई। सूत्र ने कहा, इन कंपनियों का यूके और यूएस में भी बहुत अच्छा नेटवर्क है, जहां से उन्हें अपने संभावित लक्ष्यों का डेटा प्राप्त होता है। विदेश स्थित कंपनियों ने भारत में कंपनियों को विदेशी नागरिकों का डेटा मुहैया कराया और यहीं से उन्होंने अपना ऑपरेशन चलाया।