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भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद

  • बदमाशों के हमले में छह ग्राम स्वयंसेवक घायल

  • गुरुवार दोपहर तक चला था यह तलाशी अभियान

  • एनयूजे व ईजीआई ने मीडिया पर हमले की निंदा की

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी : हिंसाग्रस्त मणिपुर  के चुराचांदपुर जिले के कांगवई उपमंडल के गोथोल गांव में सुरक्षा बलों के एक संयुक्त दल ने शुक्रवार को तलाशी अभियान शुरू किया। इसमें असम राइफल्स, बीएसएफ और मणिपुर पुलिस के जवान शामिल थे। इसके पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं।सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले 24 घंटों में, मणिपुर में तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रित माहौल देखा गया है, जिसमें गोलीबारी और प्रदर्शनकारियों की भीड़ की छिटपुट घटनाएं देखी गई हैं। सुरक्षा बल इन चुनौतियों से निपटने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।

संयुक्त सुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर, काकचिंग, चुराचांदपुर और थौबल जिलों के सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्रों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इन अभियानों के दौरान, उन्होंने हथियारों और गोला-बारूद का एक महत्वपूर्ण जखीरा बरामद किया। सूत्रों से जानकारी के मुताबिक, यह संयुक्त ऑपरेशन गुरुवार सुबह करीब 3.30 बजे शुरू हुआ और दोपहर करीब 12.30 बजे तक चली। जानकारी के मुताबिक 9 असम राइफल्स के मेजर अनुराग बेनीवाल के नेतृत्व में बीएसएफ, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस की एक संयुक्त टीम ने चुराचांदपुर जिले के कांगवई उप-मंडल के गोथोल गांव के सामान्य क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। ऑपरेशन में हथियार और अन्य सामान बरामद हुआ।

इस दौरान 12 मोर्टार बम, 9  मैगजीन के साथ एमपी-5 राइफल, 6 मैगजीन के साथ 9 एमएम सीएमजी, 38.8 आंसू गैस का एक गन, रबर बुलेट एमएनएस एएफके पुणे-02 के साथ 38 मिमी दंगा रोधी कार्ट्रिज, 10 दंगा रोधी (सीएस) आंसू गैस के ग्रेनेड, दो (50 मीटर) आंसू गैस शैल एसओपीटी नॉक, एक देसी मोटार्र, एक देसी इम्प्रोवाइज्ड बम, एक ड्रेस कॉम्बैट और एक पाउच मिला है। सूत्रों के मुताबिक, इस संयुक्त टीम का नेतत्व 9 असम राइफल्स के मेजर अनुराग बेनीवाल ने किया। इसमें बीएसएफ, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस के करीब सौ से अधिकारी और जवान शामिल थे।

उल्लेखनीय है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने लोगों से पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लूटे गए हथियार लौटाने की अपील की थी। उन्होंने 15 दिन का समय भी दिया था। उन्होंने कहा था, अगर इस दौरान हथियार नहीं लौटाए गए तो हथियारों की बरामदगी के लिए सुरक्षाबल संयुक्ति अभियान चलाएंगे। राज्य के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने प्रदेश में कंबिंग ऑपरेशन शुरू करने की जानकारी दी थी।

हालांकि, इंफाल पूर्व के याइनगांगपोकपी और सेइजांग इलाकों में कथित तौर पर सशस्त्र बदमाशों के हमले में कम से कम छह ग्रामीण स्वयंसेवक गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले में करीब सात मीरा पैबिस भी घायल हो गईं, जिन पर कथित तौर पर सेना और अर्धसैनिक बलों ने लाठीचार्ज किया था। सभी घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

यह घटना 13 अक्टूबर को तड़के करीब तीन बजे हुई जब ट्विचिन कुकी गांव और मोनोमफाई गांव के हथियारबंद बदमाश सबुंगखोक खुनौ और त्विची कुकी गांव के बीच स्थित एक ईंट-खेत की ओर बढ़े। इन सशस्त्र बदमाशों ने सबुंगखोक खुनौ की ओर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसके बाद राज्य, केंद्रीय बलों और गांव के स्वयंसेवकों ने जवाबी कार्रवाई की।

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (एनयूजेआई) और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (ईजीएम) ने संयुक्त रूप से उस घटना की कड़ी निंदा की है, जिसमें 20 जाट रेजिमेंट और 5/4 जीआर के संयुक्त सैनिकों ने सबुंगखोक खुनोउ क्षेत्र में एक घटना कवरेज के दौरान मीडियाकर्मियों को अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोका था।

यह घटना 12 अक्टूबर, 2023 को हुई थी, जब मीडिया की टीमें सबुंगखोक खुनौ गांव पर हमले की रिपोर्ट करने के लिए पहुंची थीं। मुठभेड़ के दौरान, जाट रेजिमेंट के सैनिकों ने न केवल आईएसटीवी, इम्पैक्ट टीवी, टॉम टीवी और आईएसकॉम के संवाददाताओं की एक मीडिया टीम को घटना को कवर करने से रोक दिया, बल्कि उन्हें अपने मोबाइल उपकरणों पर कैप्चर किए गए किसी भी फुटेज को जबरन डिलीट करने के लिए भी कहा।

इसके साथ ही, क्षेत्र के विपरीत दिशा में टॉम टीवी और इम्पैक्ट टीवी की एक अन्य मीडिया टीम को घटना के फुटेज कैप्चर करने में प्रारंभिक प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (एनयूजेआई) और ईजीएम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेन गोस्वामी ने कहा कि इस कृत्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला और प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने का जानबूझकर किया गया प्रयास माना जाए। दोनों संगठन इस मामले में जवाबदेही की मांग कर रहे हैं, पत्रकारों के बिना धमकी के रिपोर्टिंग करने के अधिकारों की रक्षा के महत्व पर जोर दे रहे हैं।

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