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भागवत बतायें शोषण करने वाले कौन हैः प्रियांक खडगे

आरएसएस प्रमुख भागवत के आरक्षण संबंधी बयान पर सवाल

बेंगलुरुः कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी तथा ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री प्रियांक खड़गे को सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियों का बचाव करने को लेकर उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 4 सितंबर को खड़गे ने कहा था कि ”कोई भी धर्म जो आपको समान अधिकार नहीं देता, जो आपको इंसान नहीं मानता, वह धर्म नहीं है।

उदयनिधि स्टालिन के बयान, जिसे सनातन धर्म पर हमला माना गया, पर प्रतिक्रिया देने के बाद उत्तर प्रदेश में आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। खडगे ने कहा, उन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है क्योंकि मैंने दो बातें कही हैं। एक, हर धर्म को समानता का आचरण करना चाहिए और इंसानों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए।

नंबर दो, कि संविधान मेरा धर्म है क्योंकि यह देश में सभी को समानता और समान अवसर प्रदान करता है। इसलिए ऐसा लगता है कि उन्हें मेरे ऐसा कहने से दिक्कत है। अगर उन्हें लगता है कि मैंने जो कहा है वह गलत है, तो यह उनकी समस्या है, मेरी नहीं। मैं अपनी बात पर कायम हूं। श्री खडगे ने कहा, कोई भी धर्म जो समानता की वकालत नहीं करता, कोई भी धर्म जो मनुष्यों के बीच भेदभाव करता है, अच्छा नहीं है। यह समाज के लिए अच्छा नहीं है, यह देश के लिए अच्छा नहीं है, यह राष्ट्र निर्माण के लिए अच्छा नहीं है, यह आर्थिक समानता के लिए अच्छा नहीं है। क्या भाजपा और उनके अनुयायियों को इससे कोई समस्या है।

बी एल संतोष ने एक दिन पहले दिए एक बयान में कहा, हां, एलर्जी है। सिस्टम में एलर्जी है और सिर्फ इसलिए कि पेट में एलर्जी है, आप सिर नहीं काट सकते। कृपया उससे पूछें कि यह एलर्जी क्या है। वह किस एलर्जी की बात कर रहा था?

 मोहन भागवत (आरएसएस सरसंघचालक) ने बयान देते हुए कहा, ‘हां, 2,000 साल से सामाजिक भेदभाव हो रहा है। पिछड़ों को हमने दो हजार साल तक दबाया है। इसलिए  कृपया उनसे पूछें कि यह हम कौन है। कृपया उनसे पूछें कि कौन सा दर्शन या कौन सा धर्म एक इंसान से दूसरे इंसान के बीच भेदभाव करता है। हमें समतापूर्ण समाज बनाने से किसने रोका है।

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