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प्रधानमंत्री जन औषधि योजना में भी घोटाला ही घोटाला

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताम झाम के साथ जिस जन औषधि योजना की शुरुआत की थी, वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। सीएजी की रिपोर्ट में इसमें हुई गड़बड़ी का खुलासा किया गया है। यह बताया गया है कि इस योजना में मोबाइल नंबर 9999999999 से साढ़े सात लाख लोग जुडे हुए हैं। सीएजी ने

यह भी खुलासा किया कि 139,000 से अधिक लाभार्थियों को 8888888888 नंबर से जोड़ा गया है। इससे साफ हो जाता है कि इस योजना के नाम पर भी लाभार्थियों के बदले फर्जी लोग दर्ज हुए हैं और संभवतः उनके नाम पर ही ईलाज का फर्जी खर्च का भी गबन किया गया है। गरीब लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा की केंद्र की प्रमुख योजना पर एक प्रदर्शन ऑडिट रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में रखी गई।

रिपोर्ट से पता चला कि 749,820 लाभार्थियों को एक ही मोबाइल नंबर से जोड़ना कोई अलग विसंगति नहीं थी। 139,000 से अधिक लाभार्थियों को 8888888888 नंबर से जोड़ा गया है, जबकि 96,000 से अधिक को 9000000000 से जोड़ा गया है। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 20 अन्य मोबाइल नंबरों से 10,000 से 50,000 लाभार्थी जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि मोबाइल नंबर महत्वपूर्ण हैं क्योंकि योजना का लाभ उठाने वाले लोग अपना पहचान पत्र खो जाने पर उनका उपयोग कर सकते हैं।

सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) उसकी टिप्पणियों से सहमत है. इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए लाभार्थी पहचान प्रणाली (बीआईएस) 2.0 शुरू होने के बाद विसंगतियों पर ध्यान दिया जाएगा।

बीआईएस 2.0 प्रणाली को इस तरीके से  तैयार किया गया है कि एक निश्चित संख्या से अधिक परिवार एक ही मोबाइल नंबर का उपयोग न कर सकें। विभागीय सूत्रों ने दावा किया है कि इससे रैंडम नंबर दर्ज करने के प्रचलन पर रोक लगेगी, जो मोबाइल नंबर असंगतता के बड़े मामले हैं। लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इतने सारे लोगों के नाम पर इन मोबाइलों को दर्ज होने के बाद भी यह मोबाइल नंबर दरअसल किन लोगों के हैं और इन नंबरों के आधार पर कितने लोगों को इस जन औषधि योजना का लाभ अथवा फर्जी लाभ दिया गया है।

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