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सैन्य शासकों ने नाइजर का हवाई अड्डा बंद कर दिया

नियामेः चुने हुए राष्ट्रपति को बंधक बनाकर सत्ता पर काबिज होने वाले नाइजर के सैन्य शासकों ने हवाई मार्ग को भी बंद कर दिया है। दरअसल वहां के सैन्य शासन ने यह कार्रवाई वहां दूसरे देशों के हमले के भय से की है। पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजर के सैन्य शासकों ने पड़ोसी देशों के सैन्य हस्तक्षेप के डर से हवाई क्षेत्र बंद करने की घोषणा की है।

देश के सैन्य तख्तापलट के नेताओं ने सैन्य हस्तक्षेप के खतरे का हवाला देते हुए कहा कि अगली सूचना तक हवाई क्षेत्र बंद रहेगा। विमानों की आवाजाही पर नजर रखने वाले वेबसाइट से भी पता चलता है कि वर्तमान में नाइजर के आसमान में कोई विमान नहीं है। इससे पहले, पश्चिमी अफ़्रीकी देशों के समूह ने चेतावनी दी थी कि अगर रविवार तक नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ेमे को बहाल नहीं किया गया तो वे बल प्रयोग कर सकते हैं।

दूसरी तरफ फ्रांस भी वहां सैन्य कार्रवाई करने की चेतावनी दे चुका है। सभी पक्ष वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद बर्जेस को सत्ता सौंपने की बात कह चुके हैं। दूसरी तरफ यह जानकारी भी मिली है कि नाइजर के सैन्य शासकों ने तब रूसी भाड़े के सैनिकों वाली कंपनी वैगनर से मदद मांगी। सोलिफू मोदी नाम के एक तख्तापलट जनरल ने पड़ोसी माली का दौरा किया और इस सहयोग के लिए वैगनर से संपर्क किया।

जुंटा के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसके सशस्त्र बल देश की रक्षा के लिए तैयार हैं। तख्तापलट का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रपति गार्ड के प्रमुख अब्दोरहमाने चियानी ने 26 जुलाई को एक सैन्य तख्तापलट में नाइजर के निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद बाजेम को अपदस्थ करने के बाद सत्ता संभाली। नाइजर दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है। सेना का कहना है कि उसने असुरक्षा और आर्थिक स्थितियों के कारण सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया है। इसके बीच ही दूसरे पड़ोसी देशों के तेवर और देश की अपनी बदहाल स्थिति की वजह से वहां का माहौल तेजी से बिगड़ता चला जा रहा है।

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