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नईदिल्लीः पूर्व सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा है कि चीन ही मणिपुर की हिंसा को बढ़ावा दे रहा है। विभिन्न खुफिया रिपोर्टों में आरोप लगाया गया है कि चीनी जासूसी एजेंसी मणिपुर और पूर्वोत्तर में उग्रवादियों को लगातार हथियार, बुनियादी ढांचा और ढांचागत सहायता प्रदान कर रही है।
भारतीय सेना के सेवानिवृत्त जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आरोप लगाया है कि मणिपुर में सिलसिलेवार हिंसा के पीछे चीन का हाथ है। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, चीन लगातार उत्तर-पूर्व क्षेत्र में विभिन्न उग्रवादी समूहों का समर्थन करता है। मणिपुर में हाल की हिंसा की पृष्ठभूमि में भी, चीनी समर्थन के आरोपों से इनकार नहीं किया जा सकता है। नरबाणे ने कहा कि मणिपुर में पिछले तीन महीने से जारी हिंसा के सिलसिले ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर दिया है।
साथ ही उन्होंने टिप्पणी की, मुझे यकीन है कि सरकार उत्तर-पूर्व क्षेत्र में अशांति पैदा करने में चीन की भूमिका से अवगत है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चीनी सेना पूर्वोत्तर के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को अस्थिर करने में सक्रिय है।
संयोग से, कई दशकों से असम, नागालैंड, मणिपुर सहित उत्तर-पूर्व भारत के विभिन्न राज्यों में सक्रिय उग्रवादी म्यांमार में स्थित हैं। आरोप है कि चीनी जासूसी एजेंसी उत्तर-पूर्व क्षेत्र में आतंकवादियों को लगातार हथियार और बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान कर रही है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, चीन समर्थित उग्रवादी समूहों की सूची में कुकी नेशनल आर्मी, कुकी नेशनल फ्रंट, यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट शामिल हैं। हाल ही में मणिपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा में कथित तौर पर भूमिका थी।
उनका यह कथन तब सामने आया है जबकि आठ माह पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाथ मिलाने की तस्वीर अब सार्वजनिक हुई है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पहले ही कहा था कि म्यांमार के रास्ते कुकी आतंकवादियों को मदद मिल रही है।