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पानी देने के नाम पर खोद दी सड़कें अब कीचड़ जमा

  • बोल्डर और मिट्टी से फिसलन और बढ़ी

  • संदेह है कि कागज पर समतलीकरण हो चुका

  • पार्षदों के नहीं होने से सच्चाई का पता नहीं चला

राष्ट्रीय खबर

रांचीः रांची में नई पाइन लाइन बिछाने के नाम पर चारों तरफ छोटी और बड़ी सड़कों को खोद दिया गया था। अब बरसात प्रारंभ होते ही इस सड़कों का मलवा खास तौर पर पैदल चलने वालों के लिए जानलेवा बन गया है। जहां तहां जो मलवा जमा था, वह पानी में भींगकर कीचड़ में तब्दील हो गया है। इस वजह से वहां के असावधानी से गुजरने वाले फिसलकर गिर रहे हैं।

यह स्थिति तब है जबकि जुडको की एक बैठक में नगर निगम प्रशासक ने कहा था कि शहर के जिन मोहल्लों में पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है, वहां की सड़कों को बरसात से पहले पूर्व स्थिति में बहाल करें। लोगों का कहना है कि ठेकेदार ने सड़क खोदकर पाइप लाइन बिछाने के बाद सड़क को पूर्व स्थिति में लाने का काम ही नहीं किया है।

कुछ लोगों का संदेह है कि नगर निगम में पार्षदों की गैर मौजूदगी में शायद कागज पर यह काम भी पूरा दिखा दिया गया होगा। जिन इलाकों में पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कों को खोदा गया था, उनमें से अधिकांश सीमेंट की ढलाई वाली पक्की सड़कें थी। इस वजह से पाइप लाइन बिछाने के बाद सीमेंट के ये छोटे बड़े टुकड़े यूं ही पड़े रह गये थे। अब बारिश के बाद मिट्टी के साथ मिलकर यह सीमेंट को छोटे बड़े टुकड़े ही अधिक खतरनाक हो गये हैं। कई स्थानों पर थोड़ी तेज गति से चलते दो पहिया वाहन चालक भी इनकी चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।

दूसरी तरफ यह भी पता चला है कि जिस काम के लिए यह सारी सड़कें खोदी गयी थी, वह मकसद भी पूरा नहीं हो पाया है। जुडको की बैठक में यह बात सामने आयी है। शनिवार को इस बारे में आयोजित एक समीक्षा बैठक में नगर निगम के प्रशासक शशिरंजन ने अध्यक्षता की।

इस बैठक में जुडको के पदाधिकारियों ने बताया कि शहर के 2।10 लाख घरों में से अब तक 48 हजार घरों में वाटर कनेक्शन दिया गया है। इस पर श्री रंजन ने कहा कि जिन घरों को वाटर कनेक्शन दे दिया गया है, वहां जल्द से जल्द जलापूर्ति शुरू करायें। 2025 तक शहर के सभी घरों में वाटर कनेक्शन देने की तैयारी चल रही है।

बैठक में जुडको के पदाधिकारियों ने कहा कि कई जगहों पर पाइपलाइन बिछाने के लिए एनओसी की मांग की गयी है लेकिन, एनओसी नहीं मिलने के कारण कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही है। बैठक में बताया गया कि अब तक 28 हजार उपभोक्ताओं के वाटर कनेक्शन की ऑनलाइन एंट्री कर ली गयी है। शेष 20 हजार अभिलेख को श्री पब्लिकेशन को सौंप दिया गया है। इसकी जल्द से जल्द ऑनलाइन एंट्री करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन जहां पर पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कों को खोदकर किसी तरह भर दिया गया है, उन्हें बेहतर स्थिति में लाने पर कोई चर्चा इस बैठक में नहीं हुई।

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