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गृह मंत्री अमित शाह ने बुलाई सभी दलों की बैठक

  • मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक 161 मौत

  • प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के पुतले फूंके

  • पक्ष और विपक्ष दोनों ही मोदी से नाराज

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी: मणिपुर हिंसा पर चुप्पी साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निंदा करते हुए, बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के पुतले जलाए।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 24 जून को अपराह्न तीन बजे नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा के बुधवार शाम यहां गृह मंत्री से मुलाकात के बाद यह घोषणा की गई। शर्मा पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन (नेडा) के संयोजक भी हैं। शर्मा ने कुछ दिन पहले इंफाल का दौरा किया था और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और कई अन्य नेताओं से मुलाकात की थी।

मेइती समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिये जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुईं हैं। हिंसा में अब तक करीब 161लोगों की जान गई है और 3,800 से अधिक घायल हुए हैं।

अमित शाह ने भी पिछले महीने चार दिनों के लिए मणिपुर का दौरा किया था और राज्य में शांति कायम करने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्ग के लोगों से मुलाकात की थी। इससे पहले, मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा इलाके में बुधवार को एक पुलिया के पास खड़ी एसयूवी वाहन में विस्फोट होने से तीन लोग हो गए।अधिकारी ने बताया कि पूर्वी मणिपुर के थंगजिंग क्षेत्र में स्वचालित हथियारों से 15 से 20 राउंड गोलियां चलाई गई थी। वहीं बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा इलाके में बुधवार को एक पुलिया पर खड़ी एसयूवी में विस्फोट होने से तीन लोग घायल हो गए।

सूत्रों ने बताया कि गाड़ी के अंदर रखा बम संभवत: चालक के उतर कर वहां से हट जाने के बाद फटा, तीनों व्यक्ति उस वाहन के पास खड़े थे और विस्फोट की चपेट में आने से घायल हो गए। उन्होंने बताया कि तीनों को बिष्णुपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि घायलों में से एक की हालत गंभीर है।

हालांकि, भारतीय जनता पार्टी मणिपुर प्रदेश ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि सना मेतराम किसी भी क्षेत्र या गतिविधियों में पार्टी से जुड़ी नहीं हैं। यह स्पष्टीकरण 22 जून को सामने आई हालिया घटना के जवाब में आया है, जहां सना मेतराम ने खुद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता बताते हुए मणिपुर में सूचना और जनसंपर्क निदेशालय के कार्यालय में कथित तौर पर दो मीडियाकर्मियों पर हमला किया और राज्य सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।

घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मेहतराम सनातोम्बा मीतेई, जिसे सना मेइत्रा के नाम से भी जाना जाता है, ने तोड़फोड़ की, सरकारी संपत्ति को निशाना बनाया और यहां तक कि तोड़फोड़ के दौरान मुख्यमंत्री का नाम भी लिया। यह घटना दोपहर करीब 12 बजकर 45 मिनट पर हुई।

पत्रकारों से बात करते हुए एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया में शांति और सद्भाव का संदेश दे रहे हैं। लेकिन उन्होंने मणिपुर की चल रही अशांति को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जो भारत का हिस्सा है और यह पिछले 49 दिनों से जारी है। रिजोरियो ने कहा, सौ से अधिक लोग मारे गए हैं, हजारों घायल हुए हैं जबकि कई अभी भी लापता हैं।

पांच हजार से अधिक घरों में आग लगा दी गई है और पचास हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। हालांकि प्रधानमंत्री अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए एक भी ट्वीट करने में विफल रहे हैं और कभी भी एक शब्द का उल्लेख नहीं किया है।

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