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वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ पूजन
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वर्ष 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य
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परिसर में कुल 22 मंदिर होंगे यहां पर
राष्ट्रीय खबर
मोतिहारीः दुनिया के सबसे बड़े बौद्ध स्तूप के बाद केसरिया में अब विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना प्रारंभ कर दी गई है। इस दिव्य, भव्य व रम्य रामायण मंदिर का निमार्ण कार्य 20 जून को वैदिक मंत्रोचारण के साथ चंपारण की ऐतिहासिक धरती पर प्रारंभ हो गया। तीन मंजिले इस मंदिर की ऊंचाई 270 फीट होगी। 540 फुट चौड़े और 1080 फुट लंबे विराट मंदिर का निर्माण 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग को सावन में स्थापित किया जाना है।
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर के भूगर्भ का कार्य इसी वर्ष नवंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने खुद अपनी देखरेख में पूजा-अर्चना के साथ निर्माण कार्य में लगे उपकरणों और मशीनों की विधिवत पूजा की।
मंदिर निर्माण कार्य के कमेटी से जुड़े लोगों के अलावा स्थानीय ग्रामीण मौके पर मौजूद थे। आचार्य किशोर कुणाल ने मंदिर निर्माण को लेकर कहा कि यदि कोई प्राकृतिक विपदा न आए और मंदिर निर्माण कार्य सामान्य गति से चला तो भूगर्भ का कार्य 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। भूगर्भ का कार्य पूरा होते ही जुलाई 2024 तक नींव का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
वर्ष 2025 के अंत तक मंदिर निर्माण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2024 में अयोध्या में मंदिर राम मंदिर का निर्माण होते ही वर्ष 2025 में विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। यहां 22 और मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इस मंदिर परिसर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित कराया जाएगा।
विराट रामायण मंदिर का निर्माण अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर स्थित केसरिया प्रखंड के कैथवलिया में हो रहा है। बता दें कि वर्ष 2012 में आचार्य किशोर कुणाल द्वारा उक्त मंदिर का भूमि पूजन किया गया था। जिसके बाद कई बाधाएं सामने आईं जो अथक प्रयास के बाद अब दूर कर ली गई हैं।