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गुरु ग्रह पर बिजली की चमक देख खगोल वैज्ञानिक हैरान हुए

वहां के उत्तरी ध्रुव पर अचानक ऐसी चमक दिखी

वाशिंगटनः नासा ने गुरु ग्रह पर बिजली कड़कने की एक तस्वीर जारी की है। इसके साथ यह बताया गया है कि नासा का जूनो अंतरिक्ष यान 2016 से बृहस्पति की परिक्रमा कर रहा है। 2020 में, उनके कैमरे ने बृहस्पति के बिजली गिरने के क्षण को कैद कर लिया। हाल ही में नासा ने इसका खुलासा किया है।

हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति को लेकर अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की उत्सुकता का कोई अंत नहीं है। इस ग्रह का निरीक्षण करने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान को जूनो कहा जाता है। जूनो के कैमरे ने बृहस्पति पर बिजली गिरने की नई तस्वीर ली। नासा ने हाल ही में जूनो के कैमरे से ली गई एक पुरानी तस्वीर शेयर की है। उनके द्वारा जारी की गई छवि गोलाकार ग्रह के शीर्ष पर प्रकाश की एक छोटी हरी बिंदी दिखाती है। यह बृहस्पति की बिजली है, वैज्ञानिकों का दावा है।

यह तस्वीर जूनो से 20 दिसंबर, 2020 को ली गई थी। नासा के वैज्ञानिक केविन एम. गिल ने पुराने डेटा को खंगालते हुए 2022 में इस तस्वीर की खोज की थी। यह हाल ही में प्रकाशित हुआ था। वैज्ञानिकों ने कहा कि जिस तरह पृथ्वी पर बिजली चमकती है, उसी तरह बृहस्पति पर इसके नियम थोड़े अलग हैं। पानी की बूँदें धरती पर जमा होकर बादल बनाती हैं। उस बादल में बिजली है। आमतौर पर बिजली पृथ्वी के विषुवतीय क्षेत्र में अधिक बार आती है। लेकिन बृहस्पति के मामले में ध्रुवों पर बिजली गिरती है। अमोनिया और पानी से बने बादलों में वज्रपात पैदा होते हैं। इसलिए बृहस्पति ग्रह की बिजली पृथ्वी से अलग है।

जब नासा द्वारा साझा की गई तस्वीर ली गई थी, तब जूनो बृहस्पति की बादलों की परत से 19,900 मील ऊपर था। वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके द्वारा खींची गई इस तस्वीर ने बृहस्पति के मौसम और प्रकृति के अध्ययन पर नई रोशनी डाली है। बृहस्पति मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों से बना है। सूर्य से इस ग्रह की दूरी 88,850 मील है। नासा का जूनो अंतरिक्ष यान 2016 से इस ग्रह की परिक्रमा कर रहा है।

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