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कई स्थानों पर ट्रांसफॉर्मर भी जल गये हैं
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कम बिजली से जलापूर्ति व्यवस्था बाधित
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किसी तरफ से कोई सफाई तक नहीं दी गयी
राष्ट्रीय खबर
रांचीः राज्य सरकार और बिजली विभाग का हर दावा अब खुले तौर पर फेल हो चुका है। भीषण गर्मी के दिन भी सुबह से रात तक बिजली का आना जाना और साथ में लो वोल्टेज ने राजधानी वासियों को निरंतर परेशान किया। कल रांची इस मौसम में सबसे अधिक गर्म रहा जबकि आद्रता भी चरम पर थी।
इस वजह से लोगों को सामान्य के मुकाबले अधिक परेशानी हुई। दूसरी तरफ इसी लो वोल्टेज के बीच राजधानी की एक बहुत बड़ी आबादी फिर से भीषण जलसंकट को झेल रही है, जिसके विकल्प पर सरकार की तरफ से कोई बात नहीं की गयी है। कुल मिलाकर कहा जाए तो झारखंड विद्युत वितरण निगम का निर्बाध बिजली का दावा भी फेल हो गया है।
24 घंटे में औसतन हर आधा घंटे में पावर कट हो रहा है। लो वोल्टेज की वजह से इस शहर में एक दर्जन स्थानों पर ट्रांसफार्मर जलने की शिकायत मिली है। किसी तरह दूसरे मोबाइल ट्रांसफार्मर लगा काम चलाया जा रहा है। 30 मुहल्लों में पावर कट की समस्या बनी हुई है।
गुरुवार को देर रात 11 बजे से सुबह 3 बजे के बीच आधे शहर में आठ से दस बार बिजली कटी। लोगों को रतजगा करना पड़ा। शुक्रवार को यही सिलसिला जारी रहा लेकिन बिजली विभाग की तरफ से जनता को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गयी और यह भी नहीं बताया गया कि लोडशेडिंग और लो वोल्टेज की असली वजह क्या है।
धुर्वा, जगन्नाथपुर, हिनू, डोरंडा, कडरू, चुटिया, कोकर, हरमू, अरगोड़ा, किशोरगंज, मधुकम, रातू रोड और पिस्का मोड जैसे अत्यधिक आबादी वाले इलाके ही इसकी चपेट में रहे। इन इलाकों में थोड़ी-थोड़ी देर में बिजली का आती-जाती रही। गुरुवार देर रात कार्तिक उरांव चौक हरमू में ट्रांसफार्मर में आग लग गई।
वहीं शुक्रवार को कोकर में भी लोड बढ़ने से ट्रांसफॉर्मर में आग लग गई। इधर, पावर कट और लो वोल्टेज की वजह से रांची में पाइपलाइन और टैंकर से जलापूर्ति व्यवस्था भी चरमरा गई है। रूक्का में लो वोल्टेज की वजह से एक बहुत बडी आबादी को पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। नतीजा है कि घर की महिलाओं और बच्चियों तक को बरतन लेकर दूर तक जाना पड़ रहा है। इसके अलावा रात को जलापूर्ति की वजह से लोगों को रात से लेकर सुबह तक नलों के पास लाइन लगाकर बैठना पड़ रहा है।
दूसरी तरफ जेनरेटर के सहारे एसी चलाने वालों को जनता की इन परेशानियों से शायद कुछ लेना देना नहीं है। इसी वजह से इस संकट पर कोई सफाई भी नही आयी है। पहले इस किस्म की स्थिति में बिजली विभाग की तरफ से स्पष्टीकरण दिया जाता था। अब वह प्रथा बंद हो चुकी है। सरकार की तरफ से भी दूसरी बातों पर बयान दिये जा रहे हैं। सरकार में शामिल सभी दलों के प्रवक्ता भी जनता की इस भीषण परेशानी के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।