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मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में ऑनलाइन किया स्वागत

जी 20 देशों के विकास मंत्रियों के सम्मेलन का उदघाटन किया

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 देशों ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए सामूहिक प्रयास करने तथा इसके लिए ग्लोबल साउथ के विकासशील देशों को ऋण जोखिमों को दूर करने के लिए बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में सुधार करने का सोमवार को आह्वान किया।

श्री मोदी ने यहां जी-20 देशों के विकास मामलों के मंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में अपने वीडियो संदेश में यह आह्वान किया। उन्होंने मेहमान मंत्रियों का वारणसी में स्वागत करते हुए कहा, मैं लोकतंत्र की जननी के सबसे पुराने जीवित शहर में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। यह जी-20 विकास मंत्रियों की बैठक के लिए उपयुक्त स्थान है।

काशी सदियों से ज्ञान, चर्चा, वाद-विवाद, संस्कृति और अध्यात्म का केंद्र रहा है। इसमें भारत की विविध विरासत का सार है और यह देश के सभी हिस्सों के लोगों के लिए एक अभिसरण बिंदु के रूप में कार्य करता है। मुझे खुशी है कि जी-20 विकास का एजेंडा काशी तक भी पहुंच गया है। उन्होंने कहा, इस समूह के लिए दुनिया को एक मजबूत संदेश देना अनिवार्य है कि इसे हासिल करने के लिए हमारे पास एक कार्य योजना है।

श्री मोदी ने कहा कि कई देशों द्वारा सामना किए जा रहे ऋण जोखिमों को दूर करने के लिए समाधान खोजना चाहिए। पात्रता मानदंड का विस्तार करने के लिए बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में सुधार किया जाना चाहिए ताकि सभी जरूरतमंद लोगों के लिए वित्तपोषण सुनिश्चित किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सामने महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक, डेटा विभाजन का लगातार बढ़ना है। सार्थक नीति-निर्माण, कुशल संसाधन आवंटन और प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए उच्च-गुणवत्ता वाला डेटा महत्वपूर्ण है। डेटा विभाजन को पाटने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एसडीजी हासिल करने के लिए लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण महत्वपूर्ण हैं। भारत में, हम महिला सशक्तिकरण तक ही सीमित नहीं हैं। हमारा विकास महिलाओं के नेतृत्व वाला है। महिलाएं विकास का एजेंडा तय कर रही हैं और विकास और बदलाव की एजेंट भी हैं।

उन्होंने आह्वान किया, मैं आपसे महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए गेम-चेंजिंग एक्शन प्लान अपनाने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा, काशी की आत्मा भारत की कालातीत परंपराओं से ऊर्जावान है। मुझे उम्मीद है कि आप अपना सारा समय केवल बैठक में ही नहीं बिताएंगे। मैं आपको प्रोत्साहित करता हूं कि आप बाहर जाएं, अन्वेषण करें और काशी की भावना का अनुभव करें।

मुझे विश्वास है कि गंगा आरती और सारनाथ की यात्रा का अनुभव आपको वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा। श्री मोदी ने एजेंडा 2030 को बढ़ावा देने और वैश्विक दक्षिण की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बैठक में विचार-विमर्श की सफलता की कामना की।

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