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पत्नी के बलात्कार के आरोप पर अदालत की प्रतिकूल टिप्पणी

राष्ट्रीय खबर

बेंगलुरुः चार साल के प्यार के बाद की शादी लेकिन शादी की अवधि सिर्फ एक दिन थी। शादी के एक दिन बाद ही युवती ससुराल चली गई। लंबे समय तक अलग रहने के बाद उसने ससुराल वालों पर प्रताड़ना व पति के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। कर्नाटक हाई कोर्ट ने उस मामले में अंतरिम रोक के साथ कहा, यह कानून के दुरुपयोग  का सबसे अच्छा उदाहरण है।

युवक और युवती की मुलाकात बेंगलुरु में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने के दौरान हुई थी। चार साल तक डेट करने के बाद दोनों ने 27 जनवरी को कानूनी तौर पर शादी कर ली। लेकिन शादी के बाद ही पति को अपनी पत्नी के पुराने प्यार और उस प्रेमी के संपर्क में रहने के बारे में पता चलता है।

अगले दिन दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कोर्ट के मुताबिक, लगातार 32 दिन यानी 1 मार्च तक पत्नी का अपने पति से कोई संपर्क नहीं हुआ। इसके बावजूद युवती ने अपने पति पर दुष्कर्म और परिवार पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन उनके पति ने मामले को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की।

हाई कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस में दर्ज कराई गई महिला की शिकायत से पता चलता है कि उसे खुद नहीं पता था कि सुहागरात को असल में हुआ क्या था। लड़की ने दावा किया कि उस रात वह नशे में थी। उन्होंने यहां तक ​​दावा किया कि उन्हें इस बारे में कुछ भी याद नहीं है कि उन्होंने मैरिज रजिस्ट्रार के साथ किसी कागजात पर हस्ताक्षर किए थे या नहीं।

युवती ने आगे आरोप लगाया कि पुराने संबंध के बारे में पता चलने पर उसका पति उसे प्रताड़ित करता था। उन्होंने आगे दावा किया कि उपरोक्त परिस्थितियों में विवाहित होने के बावजूद पति के साथ कोई भी शारीरिक संबंध बलात्कार के समान है।

हालांकि कोर्ट ने युवती के पति की याचिका पर सुनवाई की, लेकिन शिकायतकर्ता ने चार साल तक रिश्ते में रहने के बाद खुद शादी कर ली। उसने शादी के दो दिन बाद ही रेप का आरोप लगाया है। और उसकी शिकायत न केवल उसके पति के खिलाफ है। बल्कि कोर्ट ने दावा किया कि उस दिन शादी में मौजूद दूल्हे के सभी रिश्तेदारों को इस अपराध के जाल में घसीटा गया है।

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