लंदनः औपचारिक तौर पर चीन पर लगातार कूटनीतिक हमला करने के बाद भी अंदरखाने में अमेरिका दूसरी चाल चल रहा है। इसके पहले भी यह राज उजागर हुआ था कि ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने के बाद भी वह चोर दरवाजे से ईऱानी तेल भी खरीदता आया है।
अब दो महाशक्तियों, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच विभिन्न मुद्दों पर औपचारिक तौर पर तनाव उत्पन्न हो गया है। ऐसे में अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के प्रमुख विलियम बर्न्स द्विपक्षीय संवाद बढ़ाने के लिए गुप्त दौरे पर चीन गए। उन्होंने चीनी खुफिया अधिकारियों से मुलाकात की।
सीआईए प्रमुख बार्न्स ने पिछले महीने चीन का दौरा किया था। लेकिन इस यात्रा के बारे में इतने लंबे समय तक किसी को पता नहीं चला। अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने मीडिया को सीआईए प्रमुख की चीन की गुप्त यात्रा की जानकारी दी है। हालांकि, ब्रिटेन स्थित मीडिया फाइनेंशियल टाइम्स ने एक रिपोर्ट में सीआईए प्रमुख की चीन की गुप्त यात्रा का खुलासा किया है।
पिछले शुक्रवार को जो बिडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सीआईए प्रमुख बार्न्स ने पिछले महीने चीन का दौरा किया था। वहां चीनी खुफिया अधिकारियों के साथ एक बैठक में बार्न्स ने दोनों देशों की खुफिया एजेंसियों के बीच द्विपक्षीय संचार बढ़ाने के लिए खुली लाइनों के महत्व पर बल दिया।
इस यात्रा से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यात्रा के दौरान बार्न्स की चीनी खुफिया अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। हालाँकि, सीआईए प्रमुख ने बीजिंग में किसी भी राजनीतिक या विदेश नीति से संबंधित अधिकारी से मुलाकात नहीं की। अमेरिकी खुफिया प्रमुख की चीन यात्रा के बारे में सीआईए से संपर्क किया गया था।
हालांकि, कंपनी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध हाल के दिनों में काफी ठंडे हुए हैं। चीन के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप, चीन-रूस की विशेष मित्रता, बीजिंग द्वारा दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति को धीरे-धीरे मजबूत करने और ताइवान के मुद्दे सहित विभिन्न मुद्दों पर दो महाशक्तियां आमने-सामने हैं।