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डीके शिव कुमार प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे
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नये कैबिनेट में जातिगत समीकरण पर ध्यान
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विपक्षी दलों के कई नेता भी हुए इसमें शामिल
बेंगलुरु: श्री सिद्धारमैया शनिवार को यहां कर्नाटक के मुख्यमंत्री और श्री डीके शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने श्री कांतीरवा स्टेडियम में एक मेगा शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
पचहत्तर वर्षीय श्री सिद्धारमैया का 2013 के अपने पहले पांच साल के कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री के रूप में यह दूसरा कार्यकाल है, जबकि 61 वर्षीय शिवकुमार ने पहले श्री सिद्धारमैया के अधीन मंत्री के रूप में काम किया था। श्री शिवकुमार 2024 के लोकसभा चुनाव तक कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने रहेंगे।
श्री सिद्धारमैया और श्री शिवकुमार के साथ आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इन मंत्रियों के नाम हैं, जी परमेश्वर (एससी), केएच मुनियप्पा (एससी), केजे जॉर्ज (अल्पसंख्यक-ईसाई), एमबी पाटिल (लिंगायत), सतीश जारकीहोली (एसटी-वाल्मीकि), प्रियांक खड़गे (एससी), रामलिंगा रेड्डी (रेड्डी), और बीजेड जमीर अहमद खान (अल्पसंख्यक-मुस्लिम)।
मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के बाद श्री सिद्धारमैया के सामने सबसे पहला चुनौतीपूर्ण काम सभी समुदायों, क्षेत्रों, गुटों और विधायकों की पुरानी और नई पीढ़ी के प्रतिनिधियों को लेकर मंत्रिमंडल का गठन करना है। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिरकत की।
समारोह में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी शामिल हुए। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल हुए। उनके अलावा, नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी शामिल हुए।
अतिथियों की सूची की देखरेख करने वाले कर्नाटक के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि निमंत्रण केवल कांग्रेस शासित राज्यों और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के सहयोगियों के मुख्यमंत्री को भेजे गये थे, इसलिए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, ओडिशा के नवीन पटनायक, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव और आंध्र के वाईएस जगन मोहन रेड्डी को आमंत्रित नहीं किया गया।
अभिनेता एवं मक्कल नीती मैयम के प्रमुख कमल हासन तथा कन्नड़ अभिनेता शिवराज कुमार, जिन्होंने कांग्रेस के लिए प्रचार किया था, ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
भ्रष्टाचार मुक्त सरकार पांच गारंटियों को पूरा करेगी: राहुल
बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि राज्य में पार्टी एक स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देगी तथा पार्टी के घोषणापत्र में किए गए पांच वादों को पूरा करेगी।
श्री गांधी ने कहा, हम आपको एक स्वच्छ, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देंगे। मैंने कहा था कि हम झूठे वादे नहीं करते। हम जो कहते हैं वह करते हैं। एक से दो घंटे में कर्नाटक सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होगी और इन पांच वादों (5 गारंटी) को पूरा करने में कानून बन जाएगा।
फाइव जी हैं: 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, गरीब परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति माह, महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, स्रातक पास छात्रों के लिए 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारी छात्रों के लिए 1,500 रुपये दो साल तक बेरोजगार भत्ता और गरीबी रेखा (बीपीएल) के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को 10 किलो मुफ्त चावल देना है।
जानकारों के मुताबिक, इन 5जी से सरकारी खजाने पर सालाना 60,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव जीता क्योंकि पार्टी गरीबों, दलितों और आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के साथ खड़ी थी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा पार्टी के पास सच्चाई थी और इसलिए चुनाव जीता, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास पैसा, पुलिस और सब कुछ था, लेकिन कर्नाटक के लोगों ने उन्हें हरा दिया। उन्होंने कहा, इस जीत का एक कारण यह था कि कांग्रेस गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के साथ खड़ी थी।
सच्चाई हमारे साथ थी। आप सभी ने भाजपा की नफरत को हरा दिया है। आपने भाजपा के भ्रष्टाचार को हरा दिया है। भाजपा के पास बेशुमार दौलत थी और हमारे पास कुछ नहीं था। इसलिए हम दिल से कर्नाटक के लोगों का शुक्रिया अदा करते हैं।