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एक कार्यक्रम के दौरान अचानक ही किया एलान
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घोषणा से वहां मौजूद कार्यकर्ता मायूस हो गये
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उनके निर्देश पर ही चलेगी पार्टी: अजीत पवार
मुंबई: मैं जानता हूँ कि मुझे कहां रुकना है, इन शब्दों के साथ भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा देने और सक्रिय राजनीति से हटने की घोषणा की। अपने समय में देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में महाराष्ट्र सरकार की बागडोर संभालने के साथ साथ केन्द्र में रक्षा और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभालने वाले श्री पवार (82) ने यहां अपनी आत्मकथा लोक मजे संगति के विमोचन कार्यक्रम के दौरान अपने इस्तीफे की घोषणा की।
उनकी इस घोषणा के साथ ही सभा कक्ष में उनके कार्यकर्ता एवं प्रशंसक भावुक हो उठे और कई कार्यकर्ता रुआंसे हो गए। श्री पवार ने कहा कि मैं जानता हूं कि मुझे कहां रुकना है। उन्होंने कहा, मैंने राकांपा के अध्यक्ष का पद छोड़ने का फैसला किया है, लेकिन जीवन से संन्यास नहीं ले रहा हूं।
वहीं श्री पवार के इस एलान से राजनीतिक जगत में हलचल मच गयी। सभागार में मौजूद राकांपा के सारे नेता हैरान रह गए और कई कार्यकर्ताओं ने उनसे इस्तीफा वापस लेने की आवाज उठानी शुरू कर दी। श्री पवार अपने फैसले पर अडिग हैं। वहीं उनके भतीजे एवं पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले अजित पवार ने साफ किया श्री शरद पवार अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे।
श्री पवार ने कहा कि पार्टी का नया अध्यक्ष बहुत जल्द समिति द्वारा तय किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह अब कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन लोगों के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे और अपनी आखिरी सांस तक पार्टी की हर बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि वह अगले तीन साल तक राजनीति में रहेंगे।
गौरतलब है कि इस्तीफे की घोषणा के तत्काल बाद राकांपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ता श्री पवार से त्यागपत्र की घोषणा को वापस लेने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि जब तक वह अपने इस्तीफे के एलान को वापस नहीं लेते तब तक वे यहां से नहीं जाएंगे। श्री पवार ने 2015 में राकांपा के अध्यक्ष पद की बागडोर संभाली थी।
श्री पवार ने कहा कि यह नई पीढ़ी के लिए पार्टी का मार्गदर्शन करने का समय है। मैं सिफारिश करता हूं कि राकांपा सदस्यों की एक समिति अध्यक्ष पद के चुनाव के बारे में फैसला करे। इस फैसले का राकांपा कार्यकतार्ओं और नेताओं ने विरोध किया, जिनमें से कई की आंखों में आंसू थे। श्री पवार ने आगे की योजना बनाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक पैनल की भी घोषणा की।
राकांपा के शीर्ष नेता और राज्यसभा प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार ने अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले किसी को भरोसे में नहीं लिया था। अजित पवार के सत्ता में आने की खबरों ने जोर पकड़ा जब उन्होंने खुद आगे आकर कहा कि राकांपा का अगला अध्यक्ष शरद पवार के मार्गदर्शन में काम करेगा। पवार साहब ने खुद बदलाव की आवश्यकता के बारे में कहा था कुछ दिन पहले पहरे में। हमें उनके फैसले को उनकी उम्र और स्वास्थ्य के आलोक में देखना चाहिए।
सभी को समय के अनुसार निर्णय लेना है, पवार साहब ने निर्णय लिया है, और वह इसे वापस नहीं लेंगे। अजीत पवार ने यह भी कहा कि उनके चाचा ने 1 मई (सोमवार) को इस्तीफे की घोषणा करने की योजना बनाई थी, लेकिन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की एक रैली के कारण इसे बंद कर दें। श्री पवार का बड़ा कदम पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बीच तीव्र चर्चा के बीच आया है, जो भाजपा को गर्म कर रहे हैं।