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कृष्टि के तत्वावधान में नील रोंगेर घोड़ा नाटक का मंचन

रांचीः सांस्कृतिक संस्था कृष्टि के  तत्वाधान में आज रांची के श्यामली कम्युनिटी हॉल में ‘नील रोंगेर घोड़ा’ नाटक का मंचन किया गया। मोहित चट्टोपाध्याय लिखित यह नाटक एक आम आदमी के अपने छोटे-छोटे सपने को पूरा करने की जिजीविषा को रेखांकित करता है। डेढ़ घंटे के नाटक में आम आदमी के जीवन संघर्ष और इससे जुड़ी घटनाओं को चित्रित किया गया है।

नाटक का मुख्य पात्र सोमनाथ घुड़दौड का जॉकी होता है। साधारण-सी नौकरी से पारिवारिक बोझ को खींचना काफी मुश्किल महसूस करते हुए वह रेस में अपनी किस्मत आजमाने में जुटता है। उसके सपने में नील रंग का घोड़ा है,उसे अंतिम दम तक उम्मीद है कि यही घोड़ा उसकी किस्मत को बदलेगा।

छोटी-छोटी सपनों को मंच पर जीवंत बनाते हुए अन्य कई चरित्रों और पात्रों से दर्शकों का वास्ता पड़ता है।लाइट, म्यूजिक, साउंड और पात्रों के संवाद से यह नाटक बहुत ही बेहतरीन ढंग से मंच पर उतरता है। दर्शक लगभग डेढ़ घंटे तक   सम्मोहित रहते हैं। सम्मोहन टूटता है जब मुख्य किरदार सोमनाथ की मौत रेस कोर्स पर होती  है। पूरा हॉल सन्नाटे में कैद रहता है।

नाटक में सोमनाथ की भूमिका में अर्णव बोस,उनकी पत्नी मृण्मयी की भूमिका में रीता डे,पुत्र की भूमिका में स्वरणेंदु बाग, पुत्री पापिया चक्रवर्ती,पुत्री के प्रेमी चंचल के रूप में सोमेन, सोमनाथ की पूर्व प्रेमिका पोरना की भूमिका में सुमोना कुंडू एवं मिट्ठू की भूमिका में तनुश्री, पोरना के पति सुभाष की भूमिका में थे सौरव मुखर्जी।

इस नाटक में एक प्रौढ़ को सोमनाथ के ही छाया के रूप में दिखाया गया है और इस भूमिका में थे वरुण बनर्जी। जॉकी के रोल में रुद्रनाथ साहा रहे। बालक की भूमिका में थे रिमो। कोलकाता के जाने-माने नाटककार सौरव पालोदी ने इस नाटक का निर्देशन किया।कृष्टि की तरफ से विशेष योगदान में रहे सोमनाथ कुंडू, अभिषेक, रिंकू सेन, सुपर्णा, छंदोश्री,  अरूप सेन,सजल, आदि थे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में पुस्तक का विमोचन वर्षा बासु एवं अंजू ठाकुर द्वारा  किया गया। एन टी पी सी के विशेष सहयोग से यह नाटक सफल हो पाया।

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