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राष्ट्रगान के अपमान पर गरमा गयी है चुनाव से पूर्व की राजनीति

नीतीश कुमार की पार्टी में फूट और मामला दर्ज

  • अधिवक्ता ने दर्ज कराया है मुकदमा

  • वीडियो को देख पूरा देश हैरान हुआ

  • कई नेता पार्टी छोड़ राजद में शामिल

राष्ट्रीय खबर

पटनाः  बिहार की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रगान के अपमान के आरोपों से घिरे हुए हैं, तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में भी फूट पड़ती नजर आ रही है। इस बीच मुजफ्फरपुर के एक कोर्ट में अधिवक्ता सूरज कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ राष्ट्रगान के अपमान का मामला दर्ज कराया है।

सूरज कुमार का आरोप है कि 20 मार्च को पटना में एक खेल कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान बजने के समय नीतीश कुमार ने राष्ट्रगान का अपमान किया।  इस मामले में नीतीश कुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस घटना ने बिहार की राजनीति में तूफ़ान ला दिया है, और विपक्षी दल नीतीश कुमार से माफी की मांग कर रहे हैं।

इसी बीच, जदयू के पांच वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया है। इन नेताओं में समरेंद्र कुणाल प्रमुख हैं, जिन्होंने नीतीश कुमार और उनके बेटे निशांत कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कुणाल का कहना है कि नीतीश कुमार अब थक चुके हैं और पार्टी चलाने में सक्षम नहीं हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत को राजनीति में लाने के लिए पार्टी में समझौता कर रहे हैं। नलीन मंडल भी भाजपा को छोड़ कर आरजेडी में शामिल हुए है। इन नेताओं का कहना है कि जदयू अब भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर चल रही है। इन नेताओं ने 11 महीने पहले राजद छोड़ कर जदयू में शामिल हुए थे, और फिर से राजद में शामिल हो गए है। यह घटनाक्रम बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। नीतीश कुमार के सामने अब दोहरी चुनौती है – एक तरफ राष्ट्रगान विवाद से निपटना और दूसरी तरफ अपनी पार्टी को टूटने से बचाना।

मिली जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता सूरज कुमार ने एसीजेएम पश्चिमी कोर्ट में यह मामला दर्ज कराया है। नीतीश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान का अपमान किया। इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। विपक्षी दलों ने विधानसभा और विधान परिषद में जमकर हंगामा किया और नीतीश कुमार से माफी की मांग की।

मुजफ्फरपुर के एसीजेएम पश्चिमी कोर्ट में अधिवक्ता सूरज कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 298, 352 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2, 3 लगाई गई हैं। कानून के मुताबिक राष्ट्रगान को जानबूझकर रोकने या फिर राष्ट्रगान गाने के लिए जमा हुए ग्रुप के लिए बाधा खड़ी करने पर अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है। वहीं जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे में राष्ट्रगान के दौरान सम्मानजनक मुद्रा में खड़े रहना जरूरी है। राष्ट्रगान के दौरान व्यक्ति के अंदर देशभक्ति की भावना होनी चाहिए और व्यक्त भी करनी चाहिए।

राजनीतिक चर्चा जोरों पर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री कर सकते हैं, लेकिन इस चर्चा के बीच ही जेडीयू के नेताओं में नाराजगी भी दिखने लगी है और पार्टी छोड़कर खिसकने लगे हैं। साथ ही निशांत के पार्टी में आने पर पिता पुत्र के समझौते की बता कर बड़ा आरोप लगा रहे हैं।

दरअसल मंगलवार को लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में मिलन समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें कटिहार के रहने वाले जेडीयू के वरिष्ठ नेता समरेंद्र कुणाल ने कटिहार जिला स्तर के अन्य चार नेताओं के साथ आरजेडी का दामन थाम लिया। इनकी सदस्यता आरजेडीके प्रदेश प्रधान महासचिव रणविजय साहू ने दिलाई। सबसे बड़ी बात है कि यह सभी पांचो नेता पहले से आरजेडी में ही थे और अप्रैल 2024 में राजद को छोड़कर जेडीयू में शामिल हुए थे, लेकिन मात्र 11 महीने में ही जेडीयू में रह सके और अब जब निशांत कुमार के आने की चर्चा उठने लगी तो पार्टी बदल दिए।

हालांकि चुनाव के वक्त दल की अदला बदली कोई नई बात नहीं है, लेकिन इन पांच नेताओं में सबसे प्रमुख समरेंद्र कुणाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और निशांत कुमार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह पिता पुत्र अब पार्टी चलाने के लिए आपस में समझौता कर रहे हैं।

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