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दोनों के पास चुनावी खेल बिगाड़ने की ताकत
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पुत्र के टिकट को लेकर नाराज लिंगायत नेता
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सचिन पायलट को प्रभारी रंधावा की चेतावनी
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः भारतीय जनता पार्टी को कर्नाटक में तथा कांग्रेस को राजस्थान में दो अलग अलग कद्दावर नेताओं से अब परेशानी होने लगी है। अंदरखाने से मिल रही सूचनाओं के मुताबिक कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अपने पुत्र को टिकट नहीं दिये जाने से नाराज हैं। दूसरी तरफ अपनी ही सरकार के खिलाफ सचिन पायलट का तेवर भी बगावती नजर आने लगा है।
मिली जानकारी के मुताबिक कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली सूची जारी होने क बाद अब मामला फंसा है। येदियुरप्पा ने पार्टी के नेताओं को अपनी इस नाराजगी से अवगत भी करा दिया है। दरअसल उनकी नाराजगी अपने पुत्र को टिकट नहीं दिये जाने को लेकर है।
इससे पहले, ऐसी खबरें थीं कि भाजपा चाहता था कि विजयेंद्र मैसुरु में वरुण सीट से, पूर्व सीएम और कांग्रेस हैवीवेट सिद्धारमैया के गढ़ से चुनाव लड़ें। येदियुरप्पा ने सार्वजनिक रूप से पिछले सप्ताह की संभावना को खारिज कर दिया। दिल्ली से वापस जाकर येदियुरप्पा ने कहा उनके द्वारा दिए गए सभी सुझावों को स्वीकार कर लिया गया है।
मुझे यकीन है कि हम सीट चयन के आधार पर एक पूर्ण बहुमत प्राप्त करेंगे। सोमवार को सूची जारी नहीं होने का अर्थ यह कि आज ही भाजपा को पूरी सूची जारी करनी होगी। कांग्रेस ने 224 सीटों में से 166 के नामों की घोषणा की है, जबकि जेडी (एस) ने 93 घोषित किया है। वैसे सीएम बसवराज बोमाई और केंद्रीय मंत्री प्रालहाद जोशी ने हालांकि, जोर देकर कहा कि येदियुरप्पा को व्यक्तिगत अतिशयोक्ति के कारण छोड़ना पड़ा।
पार्टी के नेता दिल्ली में शनिवार शाम से उम्मीदवार की सूची पर चर्चा कर रहे हैं, जिसमें देरी के कारणों में से एक को घर वापस भेजा गया है, जो कि अपने 30 से अधिक उम्मीदवारों के लिए टिकट पर येदियुरप्पा के आग्रह के साथ है, प्रत्येक की जीत सुनिश्चित करने का वादा किया गया है।
अपनी उम्र के कारण, येदियुरप्पा ने जुलाई 2022 में घोषणा की थी कि वह चुनावी राजनीति से सेवानिवृत्त हो रहे थे और विजयेंद्र शिवमोग्गा जिले में शिकारीपुरा सीट में उनकी जगह लेगा। वैसे भाजपा के सूत्रों ने स्वीकार किया कि अगर येदियुरप्पा दुखी है और गुस्से में छोड़ दिया है, तो यह उसके बेटे की टिकट की मांगों को अस्वीकृति से जुड़ा होगा। बोमाई और जोशी ने संकेत दिया कि सूची मंगलवार को बाहर होगी औऱ कहा कि हमने सभी 224 सीटों पर विस्तार से चर्चा की है और इन चर्चाओं के बाद, कुछ स्पष्टीकरण और इनपुट मांगे गए थे। हमने ये इनपुट भी प्रदान किए हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपने राजस्थान नेता सचिन पायलट को आज तेजी से जाने के खिलाफ चेतावनी दी है और इस कदम को पार्टी विरोधी गतिविधि कहा है। श्री पायलट, हालांकि, अशोक गहलोत सरकार की मांग करने के लिए अपने उपवास के साथ दबाव डाल रहे हैं, जो पिछली भाजपा सरकार में भ्रष्ट प्रथाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
गहलोत सरकार ने श्री पायलट के निष्क्रियता के आरोपों से इनकार किया है, जिससे विधानसभा चुनाव से कुछ महीनों दूर सत्तारूढ़ कांग्रेस का एक सार्वजनिक तमाशा हो गया। कांग्रेस के राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रणधावा ने एक बयान में कहा मैं पिछले पांच महीनों के लिए एक एआईसीसी इन-चार्ज रहा हूं और पायलट जी ने कभी भी मेरे साथ इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की है। मैं उनके साथ संपर्क में हूं। क्योंकि सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं।