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संसद के दोनों सदनों का पुराना जैसा ही हाल

नयी दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा जिसके कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हुआ और पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल को सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। पीठासीन अधिकारी ने एक बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की, काले कपड़े पहने कांग्रेस तथा द्रमुक के सदस्य सदन के बीचों बीच आकर नारेबाजी करने लगे।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद काले रंग का मास्क पहनकर सदन में आए थे। पीठासीन अधिकारी ने हंगामे के बीच जरूरी कागजात पटल पर रखवाये। उन्होंने जैसे ही नियम 377 के तहत सदन की कार्यवाही शुरू की तो विपक्षी सदस्यों का हंगामा तेज हो गया। हंगामा बढ़ने लगा तो श्री अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले सुबह 11 बजे अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन समवेत होते ही 17वीं लोकसभा के सदस्य गिरीश चन्द्र बापट के निधन की सूचना देते हुए सदन को बताया कि श्री बापट पुणे से वर्तमान लोकसभा के सदस्य थे। उनका 29 मार्च को निधन हुआ। उन्होंने पूर्व सदस्य इनोसेंट के निधन की भी सदन को सूचना दी। सदन में दोनों सदस्यों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी और उसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी।

उधर अदानी मामले को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार तक स्थगित कर दी गई। भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनकड़ ने सदस्यों को राज्यसभा दिवस की शुभकामनायें दी और सदस्यों से सदन को सुचारू तरीके से चलाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि यह ऊपरी सदन है जहां मुद्दों पर विचार विमर्श और चर्चा होनी चाहिए। यह कोई व्यवधान पैदा करने का स्थल नहीं है। इसके बाद जैसे ही उन्होंने कार्यवाही शुरू करने की कोशिश की कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करने लगे और अपनी अपनी सीटों से उठकर आसन की ओर आ गये।

सभापति ने कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच प्रतिस्पर्धा ( संशोधन) विधेयक 2023 को पारित कराया। इस विधेयक को बगैर किसी चर्चा के ध्वनिमत से पारित कराया गया। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही बुधवार तक स्थगित कर दी। विपक्षी दल के सदस्य अदानी मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग कर रहे हैं ।

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