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रांचीः भाजपा नेता विधायक दल एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिर कटघरे में खड़ा किया। श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा ने 1932 का कभी विरोध नहीं किया। लेकिन हेमंत सरकार आज दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर क्यों गोली चला रही है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने अर्जुन मुंडा की सरकार को 1932के खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति के नाम पर ही समर्थन वापस लेकर गिराई थी। तब वे राज्य के उपमुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को जवाब देना होगा कि आखिर 18महीने तक वे पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे फिर भी स्थानीय नीति और नियोजन नीति नही बनाई ।
यूपीए का देश और राज्य दोनो में शासन था,मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे फिर उन्हे 9वीं अनुसूची की बात तब क्यों याद नहीं आई? श्री मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन झारखंड की जनता को बेवकूफ बना रहे। भाजपा राजनीति की ऐसी दुकान नही चलने देगी।
उन्होंने कहा कि राजनीति चतुराई से नही ईमानदारी से चलती है। हेमंत सोरेन राज्य की जनता के प्रति ईमानदारी नही बरत रहे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को नीति बनाने का पूरा अधिकार है।
हेमंत सरकार महामहिम राज्यपाल के द्वारा स्थानीय नीति के संबंध में उठाए गए सवालों का विधिसम्मत समाधान निकाले और जल्द राज्य की जनता को स्थानीय और नियोजन नीति दे।
इसके लिए बड़ी फीस पर भी विधि विशेषज्ञों ,वकीलों की राय लेने से परहेज नहीं करे। उन्होंने कहा आज राज्य के युवा बिना स्थानीय और नियोजन नीति के हताश और निराश हैं। बेरोजगारी की मार झेलते हुए दर दर भटकने को विवश हैं।