तेल अबीबः इजरायल की राजनीति में फिर से उबाल आ गया है। बेंजामिन नेतानह्यू के सरकार में आने के पहले ही वहां की एटर्नी जनरल गाली बाहाराव मियारा ने अगली सरकार की तैयारियों का खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि अगली सरकार ऐसे कानून लाने की तैयारियों मे जुटी हैं, जो देश में लोकतंत्र की ताकत को और कम कर देंगे।
इस बयान को आने वाली सरकार के साथ साथ पूर्व सरकार के बीच के टकराव के तौर पर भी देखा जा रहा है। उनके मुताबिक ऐसे कानूनों के प्रभावी होने की स्थिति में देश में न्यायपालिका की स्वायत्तता भी सीमित हो जाएगी। भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे नेतानह्यू अभी गठबंधन सरकार के गठन के लिए उन्हें समर्थन देने वाले दलों से बात चीत कर रहे हैं। खुद नेतानह्यू ने अपने ऊपर लगे आरोपं को राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया है। इससे पहले उन्होंने यह भी कहा था कि उनके कुर्सी से हटने के बाद उनके परिवार के मोबाइल फोनों की जासूसी भी की गयी है।
प्रस्तावित फेरबदलों में वह कानून पारित करना भी शामिल हैं, जिसमें संसद को किसी भी अदालती फैसले को पलट देने की क्षमता देना है। समझा जाता है कि इस कानून के जरिए नेतानह्यू अपने खिलाफ चल रहे मुकदमों को समाप्त करना अथवा उनसे होने वाले खतरे को पूरी तरह समाप्त करना चाहते हैं।
दूसरी तरफ विरोधी मान रहे हैं कि इससे इजरायल में जो संतुलन बना हुआ है, उसे पूरी तरह खत्म करने की राजनीतिक साजिश रची जा रही है। मियारा ने कहा है कि बिना किसी कानूनी सलाह के सिर्फ बहुमत के आधार पर किसी भी फैसले को बदलना देश के लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। यूनिवर्सिटी ऑफ हाइफा के एक विधि सम्मेलन में उन्होंने यह बातें कही। प्रस्तावित कानूनी सुधार का नेतानह्यू को समर्थन देने वाले वे दल भी समर्थन कर रहे हैं, जिन पर कर चोरी के मुकदमे चल रहे हैं। इस गठबंधन में शामिल कई ऐसे नेता शामिल हैं, जिनपर ऐसे आरोपों की वजह से अदालतों में मुकदमा चल रहा है।