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कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर गिरफ्तार

महिला डाक्टर ने सार्वजनिक शिकायत की तो इसका राज खुला

  • दो महीने से दोनों पक्षों ने बनायी थी चुप्पी

  • ट्विटर पर मामला उठा तब लोगों को पता चला

  • विदेश मंत्रालय ने अफसर को वहां भेजने की बात कही

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी गिरफ्तार किये गये हैं। दरअसल इनलोगों को करीब दो माह पहले हिरासत में लिया गया था। कतर और भारत सरकार दोनों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी। ये मामला तब सामने आया जब डॉक्टर मीतू भार्गव नाम के एक ट्विटर उपभोक्ता ने सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री और कुछ अन्य कैबिनेट मंत्रियों से 27 अक्टूबर को अपील की थी।

मामला सामने आ जाने के बाद विदेश मंत्रालय ने इस पर जानकारी देते हुए कहा है कि भारत ने अपने एक वरिष्ठ अधिकारी को दोहा रवाना किया है ताकि वहाँ गिरफ़्तार किए गए अपने नौसेना के पूर्व अधिकारियों की रिहाई की कोशिशों को बल मिल सके। पता चला है कि यह सारे  भारतीय अधिकारी अक्तूबर महीने के आख़िरी सप्ताह में दोहा गए हैं। मंगलवार को पूर्व नौसेना अधिकारियों को कतर में गिरफ़्तार हुए 71 दिन पूरे हो गए। इस बीच सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों से इन पूर्व अधिकारियों की रिहाई की अपील भी तेज़ी से बढ़ी है।

हिरासत में रखे गए अधिकारियों के परिवार के बीच भी ये चिंता बढ़ती जा रही है कि भारत अभी तक अपने पूर्व अफ़सरों की रिहाई सुनिश्चित नहीं कर सका है। खबर है कि बीते 10 दिनों से भी अधिक समय से भारत सरकार कतर के साथ बातचीत कर रही है लेकिन अभी तक कोई समाधान निकलता नहीं दिखा है।

बीते सप्ताह दूसरी बार भारतीय दूतावास के अधिकारी को पूर्व नौसैनिकों से मिलने की मंज़ूरी मिलने सहित कुछ ऐसे संकेत मिले थे, जिनसे लगा कि कुछ समय में ये अधिकारी रिहा कर दिए जाएंगे, लेकिन ये उम्मीकतर पहले भी अलग-अलग आरोपों में भारतीयों को जेल में रख चुका है और उन्हें प्रत्यर्पित कर चुका है। लेकिन भारत ने ख़ासतौर पर इस मामले में हैरानी दिखाई है जबकि कतर के साथ उसके दोस्ताना संबंध है।

दोनों देशों के बीच मौजूदा परिस्थितियों में एक साथ इतने सैन्य अधिकारियों की गिरफ़्तारी, फिर वो सेवानिवृत्त ही क्यों न हों, सामान्य संकेत नहीं दे रहे हैं। गिरफ़्तार किए गए लोगों में से कुछ नौसेना से कैप्टन बनकर रिटायर हुए तो कुछ कमांडर पद से सेवानिवृत्त हुए थे। ये सभी लोग कतर की कंपनी के लिए पिछले 4-6 सालों से काम कर रहे थे। कंपनी के एमडी कमांडर पुर्णेंदू तिवारी (रिटायर्ड) को 2019 में प्रवासी भारत सम्मान दिया जा चुका है।

भारतीय नौसेना के ये पूर्व अधिकारी कतर की एक कंपनी ‘अल-ज़ाहिरा अल-आलमी कन्सलटेन्सी एंड सर्विसेज़’ के लिए काम करते हैं। यह कंपनी कतर की नौसेना को प्रशिक्षण और सामान मुहैया कराती है। दोहा में भारतीय दूतावास को इन आठ लोगों की गिरफ़्तारी की सूचना सितंबर महीने के मध्य में मिली थी। इससे दो सप्ताह पूर्व यानी 30 अगस्त को कतर की ख़ुफ़िया एजेंसी स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने इन्हें गिरफ़्तार किया गया था।

सितंबर के आख़िरी सप्ताह में इन लोगों को परिवार से फ़ोन पर बात करने की इजाज़त दी। तीन अक्तूबर को गिरफ़्तार किए गए लोगों से पहली बार भारतीय दूतावास के अधिकारी को मिलने दिया गया। दूसरी बार नवंबर महीने के पहले सप्ताह में भारतीय अधिकारी को गिरफ़्तार लोगों से मिलने की इजाज़त दी गई। अभी तक इस बारे में कतर की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि उन्हें कब और क्यों गिरफ़्तार किया गया है। सभी आठों लोगों को एकांत कारावास में रखा गया है जो आमतौर पर सुरक्षा संबंधित अपराधों के लिए दिया जाता है।

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