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मालदाः लॉटरी टिकटों की बैधता को लेकर जारी बहस के बीच एक लॉटरी ने यहां के एक परिवार को खुश कर दिया है। यहां के हरिशचंद्रपुर के पिपला गांव निवासी पिंटू साहा और कृष्ण दास आपस में बहनोई और साले हैं। दोनों ने मिलकर तीस रुपये की डीयर लॉटरी का एक टिकट खरीदा था।
इसी डीयर लॉटरी को लेकर यहां विवाद भी हुआ था। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसपर विरोध भी दर्ज कराया था। उनका बयान आते ही भाजपा के दूसरे नेता भी इसका विरोध करने लगे थे। इसके बीच ही पान बेचकर अपना परिवार पाल रहे पिंटू साहा कोरोना काल के बाद से और आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे थे। उनका साला कृष्णा दास भी उनके साथ ही रहता था।
शाम के वक्त चाय की दुकान पर चाय पीकर लौटते वक्त दोनों ने रास्ते की एक लॉटरी दुकान से यह टिकट खरीदा था। शाम साढ़े पांच बजे इनदोनों ने यह टिकट खरीदा जबकि लॉटरी खुलने का समय ठीक उसके आधा घंटा बाद था। वहां से दुकान आने के बाद अपने काम में जुटे इनदोनों को अचानक उनके नाम से लॉटरी खुलने की सूचना लॉटरी विक्रेता ने दी।
छोटा इलाका होने की वजह से सभी लोग एक दूसरे को जानते हैं। इसी सूचना पर दोनों ही प्रसन्न हुए और तय कर लिया कि इतने कठिन समय में यह सपना पूरा होने की वजह से दोनों इस पैसे को आधा आधा बांट लेंगे। लेकिन दोनों पहले जैसा एक साथ ही रहेंगे। पान विक्रेता से रातोंरात करोड़पति होने की सूचना से उनके घऱवाले भी बहुत खुश हैं।
किस्मत चमकने के साथ ही दोनों को सुरक्षा की चिंता भी सताने लगी थी। इसी वजह से दोनो भागकर हरिशचंद्रपुर थाना पहुंचे थे। सूचना पर पुलिस ने उनकी सुरक्षा का इंतजाम कर दिया है। लॉटरी टिकट विक्रेता रमेन गुप्ता ने कहा कि इससे पहले की लॉटरी में जो टिकट निकला था, वह बिका ही नहीं था। इस बार किसी की लॉटरी खुलने से उनका यह कष्ट भी दूर हो गया। लॉटरी को लेकर जारी राजनीतिक बहस के बारे में रमेन गुप्ता ने कहा कि इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं है। यह किस्मत की बात है। हर लॉटरी टिकट खरीदने वाले को ईनाम मिले, यह जरूरी भी नहीं है।