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आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर मजबूती से लड़ने की जरूरत

कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की आपात बैठक में प्रस्ताव पारित

  • सुरक्षा में चूक की उच्चस्तरीय जांच हो

  • बैठक में सभी मृतकों को श्रद्धांजलि दी गयी

  • भाजपा की घृणा फैलाने की कोशिश की निंदा

नईदिल्लीः कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में दो दिन पहले हुए आतंकवादी हमले को पाकिस्तान की तरफ से सोची समझी रणनीति का हिस्सा बताते हुए गुरुवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कांग्रेस पूरे देश के साथ मजबूती से खड़ी है लेकिन इस हमले में खुफिया विफलताओं और सुरक्षा में हुई चूक की व्यापक जांच जरूरी है।

पहलगाम आतंकवादी हमले पर कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति(सीडब्ल्यूसी) आज यहां हुई आपात बैठक के बाद पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल तथा संचार विभाग की प्रभारी जयराम रमेश ने संवाददाता सम्मेलन ने कहा कि बैठक की शुरुआत दो मिनट के मौन के साथ की गई

और इसके बाद हमले को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस शांति की अपील करती है और उम्मीद की जाती  है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मुद्दे पर आयोजित सर्वदलीया बैठक की अध्यक्षता करेंगे। कांग्रेस नेताओं ने कहा, यह हमला पाकिस्तान की तरफ से रची गई एक साजिश थी, जिसमें खासतौर पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया। यह एक सोची-समझी रणनीतिक चाल थी इसलिए सीमा पार से आतंकवाद के खिलाफ हमें एकता और मजबूती के साथ लड़ने की जरूरत है।

पार्टी नेताओं ने कहा कि सीडब्ल्यूसी ने इस हमले में उन स्थानीय नागरिकों को भी श्रद्धांजलि दी जिन्होंने दूसरों की जान बचाने के लिए पर्यटकों की रक्षा करते हुए शहादत दी। उनका यह वीरतापूर्ण बलिदान उस भारत की मूल भावना को सजीव करता है, जहाँ नि:स्वार्थ सेवा, मानवता और एकता सर्वोपरि हैं।

हमले में हिंदुओं को निशाना बनाया गया लेकिन हम इस गंभीर उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखने की अपील करते हैं और संकट की इस घड़ी में हमारी सामूहिक शक्ति को दोहराते हैं। कार्यसमिति शांति की अपील करती है और सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता और एकजुटता के साथ लड़ने के लिए कांग्रेस की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराती है।

श्री वेणुगोपाल ने इसे खुफिया विफलता और सुरक्षा में गंभीर चूक बताते हुए कहा कि इस चूक की गहराई से जांच होनी चाहिए। उनका कहना था कि पहलगाम बहुत ही सुरक्षित इलाका माना जाता है और यह केंद्र शासित प्रदेश है इसलिए इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीधे केंद्र सरकार की है। ऐसे में इतनी बड़ी चूक की गहराई से जांच होनी चाहिए।

सुरक्षा तंत्र की कमियों और व्यवस्थागत चूकों की विस्तृत और निष्पक्ष जांच आवश्यक है और इन सवालों को जनहित में उठाना भी जरूरी है, ताकि प्रभावित परिवारों को न्याय होता हुआ स्पष्ट रूप से नजर आ सके। उन्होंने कहा कि समिति ने इस हमले के बाद अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई और कहा, अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए मजबूत इंतजाम किए जाने चाहिए।

देशभर से लाखों श्रद्धालु इस वार्षिक यात्रा में भाग लेते हैं और उनकी सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में देखा जाना चाहिए। इसके लिए ठोस, पारदर्शी और सक्रिय सुरक्षा उपाय तुरंत लागू किए जाने चाहिए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के उन लोगों की आजीविका की भी रक्षा की जानी चाहिए, जिनका जीवन पर्यटन पर निर्भर करता है।

यह कार्य पूर्ण ईमानदारी और गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। कार्य समिति ने भाजपा पर भी हमला किया और कहा,भारतीय जनता पार्टी  सोशल मीडिया के जरिए देश में नफरत और विभाजन फैलाने का काम कर रही है।इस नरसंहार की सभी राजनीतिक दलों और समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा सर्वसम्मति से निंदा की गई है।

यह अत्यंत चौंकाने वाली बात है कि भाजपा इस गंभीर त्रासदी का दुरुपयोग अपने आधिकारिक और परोक्ष सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से और अधिक वैमनस्य, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन फैलाने के लिए कर रही है जबकि इस समय सबसे अधिक आवश्यकता एकता और एकजुटता की है।

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