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जेलेंस्की को हटाने का प्रस्ताव दिया रूस ने

ब्लादिमीर पुतिन की निजी नाराजगी फिर से दिखी

मॉस्कोः रूस वनाम यूक्रेन युद्ध में पुतिन की निजी नाराजगी का भी बड़ा प्रभाव है। दरअसल काफी पहले से पुतिन की तरफ से यूक्रेन को जो हिदायतें दी जाती रही हैं, उसका बोलोडिमिर जेलेंस्की ने उल्लंघन किया। नाटो की सदस्यता पाने की चाहत में जेलेंस्की अब  रूसी राष्ट्रपति को इतना नाराज कर गये हैं कि हर युद्धविराम प्रस्ताव पर यह मुद्दा हावी हो रहा है।

यूक्रेन के साथ युद्ध को अस्थायी रूप से रोकने पर सहमति के दौरान व्लादिमीर पुतिन ने पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को इसकी जानकारी दे दी थी। इस बार रूसी राष्ट्रपति ने एक कदम आगे बढ़कर शांति प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र को शामिल करने का संदेश भेजा। उन्होंने कुछ नई शर्तें भी जोड़ीं।

मास्को ने बार-बार भविष्यवाणी की है कि अगर वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की यूक्रेन के राष्ट्रपति बने रहे तो शांति प्रक्रिया सफल नहीं होगी। इस बार पुतिन ने ज़ेलेंस्की की गद्दी को निशाना बनाया है। रूसी मीडिया आउटलेट टास की रिपोर्ट के अनुसार क्रेमलिन के एक अंदरूनी सूत्र ने एक संदेश भेजकर संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में यूक्रेन में नये चुनाव कराने का आह्वान किया है।

इससे पहले, पूर्वी तिमोर (इंडोनेशिया के अलग हुए प्रांत से बना एक द्वीप राष्ट्र), न्यू गिनी और बोस्निया-हर्जेगोविना (जो यूगोस्लाविया से अलग हुए थे) में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में जनमत संग्रह आयोजित किए गए थे। पुतिन ने मांग की है कि यूक्रेन में भी यही नीति लागू की जाए। रूसी सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने कहा, वहां (यूक्रेन में) लोकतांत्रिक चुनावों के माध्यम से एक सक्षम सरकार लाने की जरूरत है, जिस पर लोगों का भरोसा हो। इसके बाद शांति समझौते पर बातचीत शुरू हो सकती है।

इससे स्पष्ट है कि रूस के मुखिया अब अपने पड़ोसी देश  के राष्ट्रपति को गद्दी पर देखना नहीं चाहते। दूसरी तरफ जिन देशों के भरोसे जेलेंस्की ने यह युद्ध झेला है, अब वे देश भी हथियार और अन्य मदद देते देते थक गये हैं। यहां तक की नाटो के पास भी अपने हथियारों की कमी हो गयी है। बीच में जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से भेंट की थी।

इस मुलाकात का नतीजा ही उल्टा निकला। दोनों नेताओं के बीच सीधी नोंकझोंक (देखें वीडियो) होने के बाद जेलेंस्की को वहां से जाने को कह दिया गया। इससे युद्धविराम के लिए बना बेहतर माहौल फिर से बिगड़ गया। अब वार्ता जारी होने के दौरान ही दोनों देश एक दूसरे के ठिकानों पर अब भी आक्रमण जारी रखे हुए हैं।

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