राज्यसभा में गंभीरता के एक सवाल से घिर गयी मोदी सरकार
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को राज्यसभा में पूछा कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाते हैं तो सरकार की क्या प्रतिक्रिया होगी। राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वे 2 अप्रैल को टैरिफ युद्ध शुरू करेंगे। अगर वे 2 अप्रैल को भारत पर टैरिफ लगाते हैं तो सरकार की क्या प्रतिक्रिया होगी?
भारत की क्या प्रतिक्रिया होगी? कोई नीतिगत बयान नहीं दिया गया है, संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है, विपक्षी दलों से कोई परामर्श नहीं हुआ है। सरकार ने अपने पत्ते गुप्त रखे हैं, अगर उसके पास कोई पत्ते हैं तो, चिदंबरम ने कहा, उन्होंने कहा कि इसकी तुलना कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के खुलेपन से की जा सकती है।
उन्होंने डिजिटल विज्ञापनों पर 6 फीसद इक्वलाइजेशन लेवी हटाने के केंद्र के कदम का जिक्र करते हुए कहा, वित्त मंत्री ने फरवरी में कुछ टैरिफ कटौती की घोषणा की थी। जाहिर है, श्री ट्रंप संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, अगर रियायतें और चापलूसी विफल हो गई हैं, और अगर 2 अप्रैल को हमारे निर्यात पर टैरिफ लगाए जाने वाले हैं, तो मैं जानना चाहता हूं कि सरकार की प्रतिक्रिया क्या होगी, उन्होंने कहा कि टैरिफ युद्ध विश्व अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं को बर्बाद कर देगा। चिदंबरम विनियोग (सं. 3) विधेयक 2025 और वित्त विधेयक 2025 पर विचार करने के लिए एक चर्चा के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने सरकार के राजकोषीय घाटे की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा, वित्त मंत्री ने कहा कि हर साल राजकोषीय घाटे को इस तरह बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा कि केंद्र सरकार का कर्ज जीडीपी के प्रतिशत के रूप में घटता रहे। इरादा अच्छा है। प्रदर्शन को देखते हुए, मुझे डर है कि हमें उस बयान पर पुनर्विचार करना होगा। जब इस सरकार ने 2014 में सत्ता संभाली थी, तो पिछले वर्ष के अंत में राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत था। इस सरकार के कार्यकाल के मध्य में, 2018-19 में यह सुधर कर 3.4 प्रतिशत हो गया। लेकिन 2024-25 के अंत में यह 4.8 प्रतिशत है। प्रभावी रूप से, देश की अर्थव्यवस्था वापस वहीं आ गई है जहां से इसकी शुरुआत हुई थी।