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साइबर अपराध विभाग ने 21 लोगों को धर दबोचा

कोलकाता पुलिस की छापामारी में ऑस्ट्रेलिया के स्कैम का पता चला

राष्ट्रीय खबर

कोलकाताः कोलकाता में बैठकर, सुदूर ऑस्ट्रेलिया में धोखे का जाल बिछाया गया। वहां के नागरिकों को नियमित रूप से बुलाया जाता था और फंसाया जाता था। उन्हें मूर्ख बनाया गया और उनका पैसा छीन लिया गया। यह अंतर्राष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोह लेक टाउन स्थित एक कार्यालय में अवैध कॉल सेंटर से काम कर रहा था।

पश्चिम बंगाल साइबर अपराध विभाग ने सोमवार को छापेमारी कर गिरोह का भंडाफोड़ किया। उन्होंने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। बड़ी संख्या में आईटी उपकरण बरामद किये गये हैं। साइबर अपराध अधिकारियों को गोपनीय स्रोतों से लेक टाउन कॉल सेंटर का स्थान प्राप्त हुआ। उन्हें पता चला कि लेकटाउन थाना क्षेत्र के दक्षिणदरी रोड पर एक बहुमंजिला इमारत में अवैध कॉल सेंटर चलाया जा रहा है।

कंपनी का नाम ऑस्टेनिक्स सॉल्यूशंस रखा गया है। यह कॉल सेंटर समीर खान नामक व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा था। यहां से आस्ट्रेलियाई लोगों को नेशनल ब्रॉडबैंड नेटवर्क्स ऑफ आस्ट्रेलिया का कर्मचारी बताकर कॉल किया जाता था। खबर मिलने पर साइबर अपराध शाखा के सदस्य लेक टाउन गये। कॉल सेंटर में काम करने वाले 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से चार महिलाएं हैं। जांचकर्ताओं को पता चला है कि समीर 2022 से इस गिरोह को चला रहा है। इनके शिकार बने लोगों के नाम और पहचान भी संगठन के रजिस्टर में लिखी जाती है।

जांचकर्ताओं ने बताया कि लेक टाउन स्थित इस कॉल सेंटर में आईबीम नामक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था। इसके माध्यम से प्रत्येक कंप्यूटर पर एक वर्चुअल मोबाइल फोन स्थापित किया गया। इसमें विदेशी आईपी पते (मुख्यतः फ्रांस और फिनलैंड के) शामिल थे। कॉल सेंटर के कर्मचारी उन सभी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के फोन नंबर एकत्र करते थे जो ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड नेटवर्क के ग्राहक थे और उन्हें कॉल करते थे। कहा गया कि उपयोगकर्ताओं को तुरंत ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन अपनाना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आप मोबाइल नेटवर्क तक पहुंच नहीं पाएंगे। इस कार्य के लिए ग्राहकों से ऑनलाइन शुल्क लिया जाता था। उसके बाद कोई भी उनके घर सेवा देने नहीं गया।

लेक टाउन कार्यालय से कुल 29 कंप्यूटर जब्त किए गए। इसके अलावा, जब्त की गई वस्तुओं में 23 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, तीन पेन ड्राइव, दो राउटर, दो पोर्ट और एक हार्ड डिस्क शामिल हैं। कंपनी के दो रजिस्टर, जिनमें कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज होती है, जब्त कर लिए गए हैं। इसके अलावा, फोन पर ठगी का शिकार हुए लोगों के नाम और जानकारी भी बरामद कर ली गई है।

गिरफ्तार लोगों में शुभाजीत सरकार, लोकनाथ दास, आकाश साव, बिष्णु घटक, कौशिक हाजरा, संदीपन पांजा, जुनैद दीवान, मोहम्मद अली, राहुल प्रजापति, जीशान दीवान, संतोष गुप्ता, मोहम्मद अफजल अली, आकिब आलम, चयन दास, सुब्रत नंदी, सुजीत गुप्ता, अनन्या पाल, खुशी प्रवीण, श्रेयाश्री गोस्वामी, श्रेया चक्रवर्ती शामिल हैं। साइबर विंग ने इनमें से चार को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।

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