मेक इन इंडिया का सच है कि चीनी कलपुर्जे जोड़े जा रहे
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हम बना नहीं रहे बल्कि सिर्फ जोड़ रहे हैं
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चीन प्रोद्योगिकी में हमसे काफी आगे है
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चुनाव आयोग में पारदर्शिता नहीं रही
नयी दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि देश में विनिर्माण क्षेत्र साठ साल में सबसे कमजोर हुआ है और जिन मोबाइल बनाने का हम दावा कर रहे हैं उसके सारे पुर्जे चीन से आते हैं इसलिए देश के युवाओं को रोजगार पर स्पष्ट जवाब सरकार से नहीं मिल रहा है।
श्री गांधी ने लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि देश का भविष्य युवाओं के द्वारा तय होना है इसलिए युवाओं की बात पर सबका फोकस होना चाहिए। देश तरक्की कर रहा है भले ही तेजी से नहीं लेकिन बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। किसी भी सरकार ने देश के युवाओं को उनके सवालों का सीधा जवाब नहीं दिया है।
सरकार कहती है कि विकास हो रहा है लेकिन विनिर्माण गिर रहा है और विनिर्माण उद्योग की वृद्धि दर 60 साल में सबसे नीचे है और सरकार इसे रोकने में असफल हो रही है। हम भले ही दावा कर रहे हैं कि हम मोबाइल फोन बना रहे हैं लेकिन यह सच नहीं है। हम फोन बना नहीं रहे हैं बल्कि इन्हें भारत में असेंबल कर रहे हैं। फोन के सारे पार्टस चीन में बने हैं।
श्री गांधी ने कहा प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा मुझे लगता है कि यह एक अच्छा विचार था लेकिन इसके परिणाम आपके सामने है। एआई निरर्थक है क्योंकि यह डेटा पर काम करता है और उत्पादन प्रणाली से निकलने वाला हर डेटा पर चीन का अधिकार है।
विपक्ष के नेता ने कहा उत्पादन पर हमें ध्यान देना है। चीन पिछले दस साल से बैटरी, ड्रान आदि के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ रहा है लेकिन हम उससे पिछड़े हुए हैं। हमारा बैंकिंग सिस्टम ज्यादा मजबूत बनाने की जरूरत है। चीन हमसे आगे चले यह हमें बर्दाश्त नहीं होना चाहिए। हमें अपनी युवा शक्ति को सशक्त बनाना है।
उन्होंने चीन सीमा को लेकर भी सरकार पर हमला किया और कहा कि सीमा को लेकर सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूचना में अंतर है। प्रधानमंत्री जिस बात से इनकार करते हैं सेना उसका एक तरह से खंडन करती है। उन्होंने यह भी कहा कि गैर आदिवासी, गैर दलित, गैर पिछड़ा वर्ग के लोग देश के विकास में भागीदार नहीं बन रहे हैं।
श्री गांधी ने मतदाता सूची को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र तथा हिमाचल में मतदाओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है जो आश्चर्य की बात है। इसका साफ मतलब है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच नये वोटर जोड़े गये हैं।
हमने चुनाव आयोग से बार बार कहा हे कि हमें लोकसभा और विधानसभा के मतदताओं की सूची दीजिए। चुनाव आयोग का गठन प्रधानमंत्री करते हैं लेकिन इस समिति में मुख्य न्यायाधीश होते हैं लेकिन उनको क्यों हटाया गया है। यह सब सोची समझी रणनीति के तहत हुआ है। चुनाव की तिथियां बदली जाती हैं और चुनाव स्थगित तक किये जाते है।