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प्रवासी भारतीय दिवस का उदघाटन किया मोदी ने

इन्होंने भारत का सिर ऊंचा किया : मोदी

  • भविष्य बुद्ध में है युद्ध में नहीं

  • राष्ट्र प्रधानों का स्वागत किया

  • सम्राट अशोक का स्मरण कराया

राष्ट्रीय खबर

भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रवासी भारतीयों को विदेशों में भारत का राजदूत करार देते हुए कहा है कि उन्होंने अपनी मेहनत तथा सामाजिक मूल्यों से विश्व में भारत का सिर ऊंचा किया है। श्री मोदी ने यहां जनता मैदान में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्य के ऐतिहासिक स्थल धौली को शांति का प्रतीक बताया और कहा कि सम्राट अशोक ने यहां शांति का मार्ग चुना।

उन्होंने कहा कि जब दुनिया भर में अनेक जगहों पर युद्ध तथा टकराव चल रहे हैं यह विरासत दुनिया को प्रेरित करती है कि भविष्य बुद्ध में है, युद्ध में नहीं। प्रधानमंत्री ने दुनिया के विभिन्न भागों से आए सभी प्रतिनिधियों और प्रवासियों का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में दुनिया भर में प्रवासी भारतीयों के विभिन्न कार्यक्रमों में आज यहां प्रस्तुत उद्घाटन गीत बजाया जाएगा।

उन्होंने ग्रैमी पुरस्कार विजेता कलाकार रिकी केज और उनकी टीम की शानदार प्रस्तुति की सराहना की, जिसमें भारतीय प्रवासियों की भावनाओं को दर्शाया गया। श्री मोदी ने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य की राष्ट्रपति, क्रिस्टीन कार्ला कंगालू को उनके वीडियो संदेश में गर्मजोशी और स्रेह भरे शब्दों के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने भी भारत की प्रगति का उल्लेख किया है जो सब के लिए गौरव की बात है।

प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम को भारत और उसके प्रवासियों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, प्रवासी भारतीय दिवस भारत और उसके प्रवासियों के बीच बंधन को मजबूत करने वाली एक संस्था बन गई है। उन्होंने कहा कि इस दिन हम सब मिलकर भारत, भारतीयता, अपनी संस्कृति और प्रगति का जश्न मनाते हैं और साथ ही अपनी जड़ों से जुड़ते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि ओडिशा में हर कदम पर हम अपनी विरासत देख सकते हैं। उन्होंने कहा, ओडिशा की महान भूमि, जहां हम एकत्र हुए हैं, भारत की समृद्ध विरासत का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि उदयगिरि और खंडगिरि की ऐतिहासिक गुफाओं या कोणार्क के भव्य सूर्य मंदिर या ताम्रलिप्ति, माणिकपटना और पलुर के प्राचीन बंदरगाहों को देखने पर हर कोई गर्व से भर जाएगा।

उन्होंने कहा कि सैकड़ों साल पहले, ओडिशा के व्यापारियों और सौदागरों ने बाली, सुमात्रा और जावा जैसे स्थानों पर लंबी समुद्री यात्राएं की थीं और आज भी ओडिशा में बाली यात्रा उसी की याद में मनाई जाती है। उन्होंने कहा , ओडिशा का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल धौली शांति का प्रतीक है। सम्राट अशोक ने यहां शांति का मार्ग चुना था, जबकि दुनिया तलवार की ताकत से साम्राज्यों का विस्तार कर रही थी।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उन्होंने हमेशा प्रवासी भारतीयों को भारत का राजदूत माना है। प्रवासी भारतीयों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्होंने वैश्विक मंच पर गर्व के साथ सिर ऊंचा करने का अवसर देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि पिछले एक दशक में, उन्होंने कई विश्व नेताओं से मुलाकात की है, जिनमें से सभी ने प्रवासी भारतीयों की उनके सामाजिक मूल्यों और उनके संबंधित समाजों में योगदान के लिए प्रशंसा की है।

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