इंटरपोल ने भारतीय पुलिस एजेंसी की पूरी मदद की
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः केंद्रीय जांच ब्यूरो के वैश्विक परिचालन केंद्र ने रवांडा से एक आतंकी मामले के आरोपी की वापसी सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो-किगाली के साथ समन्वय किया है। इसी क्रम में भारत ने पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की दोबारा मांग की है।
आरोपी की पहचान सलमान रहमान खान के रूप में हुई है, जो पिछले साल एनआईए द्वारा दर्ज एक मामले में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक ऑपरेटिव के रूप में वांछित था। सीबीआई ने कहा, यह व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है, जिसने बेंगलुरु में आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक उपलब्ध कराने में सहायता की थी।
एनआईए के कहने पर, सीबीआई ने 2 अगस्त, 2024 को आरोपी के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी करवाया था, और उसे ट्रैक करने के लिए इसे वैश्विक स्तर पर सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रसारित किया गया था। सीबीआई ने कहा, बाद में इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो – किगाली की करीबी सहायता से रवांडा में व्यक्ति का पता लगाया गया।
उसे 28 नवंबर को एनआईए की एक सुरक्षा टीम द्वारा भारत वापस लाया गया। एनआईए ने कहा कि आरोपी बेंगलुरु सेंट्रल जेल के आतंकवादी कट्टरपंथीकरण और भर्ती मामले में शामिल था। वह 2020 के बाद से प्रमुख एनआईए मामलों में प्रत्यर्पित/निर्वासित होने वाला 17वां आरोपी है। बेंगलुरु सिटी पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने के बाद 25 अक्टूबर, 2023 को एनआईए द्वारा दर्ज मामले से उसके खिलाफ रेड नोटिस की कार्यवाही शुरू हुई।
एनआईए ने पाया कि, पहले यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पोस्को अधिनियम, (2018-2022) के तहत कैद, आरोपी ने एक आतंकी मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए टी. नसीर द्वारा अपने कारावास के दौरान कट्टरपंथीकरण और भर्ती किए जाने के बाद अन्य आतंकी आरोपियों के लिए विस्फोटकों के संग्रह और वितरण की सुविधा प्रदान की थी।
एनआईए ने कहा, नसीर ने कट्टरपंथ और उसके बाद की आपराधिक गतिविधियों की योजना बनाई थी, जिसमें जेल से अदालत जाते समय खुद को भागने की योजना बनाना और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संचालन को आगे बढ़ाने की साजिश शामिल थी। आतंकी साजिश/मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद सलमान देश छोड़कर भाग गया था और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। उसके बाद एनआईए ने उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।