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आर्थिक विफलता पर मोदी बरगला रहे हैं: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष ने देश की आर्थिक हालत पर गंभीर टिप्पणी की

  • भाषण से असली कल्याण नहीं होगा

  • गरीबों और मध्यमवर्ग पर बोझ बढ़ा

  • घरेलू बचत के आंकड़े भी भयानक

राष्ट्रीय खबर

 

नयी दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए आज कहा कि वह आंकड़ों का फर्जीवाड़ा करने में माहिर हैं, देश की अर्थव्यवस्था हर स्तर पर गिरी है, लेकिन इस विसफलता को लेकर वह देश की जनता को भरमा रहे हैं। श्री खरगे ने कहा, श्री नरेन्द्र मोदी जी नकली आख्यान वास्तविक कल्याण का विकल्प नहीं हो सकते।

आम नागरिकों का पैसा लूटकर जो आर्थिक उथल पुथल आपने पैदा की है, उससे त्यौहारी खुशी कम हुई, उच्च मुद्रास्फीति से असमानता बढ़ी, कम निवेश हुआ और स्थिरता से जूझ रही अर्थव्यवस्था का निरुत्साहित रही। आपकी सरकार गरीबों और मध्यम वर्ग पर कमरतोड़ महंगाई थोपकर और बिना सोचे-समझे कराधान के माध्यम से उनकी बचत को खत्म करके उन्हें बड़ा झटका दे रही है।

उन्होंने कहा, आपकी सरकार के जनविरोधी निर्विवाद पांच तथ्य हैं,  जिनमें सबसे बड़ा मुद्दा महगाई है। खाद्य मुद्रास्फीति 9.2 प्रतिशत पर है। सब्जियों की मुद्रास्फीति अगस्त में 10.7 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 14 महीने के उच्चतम 36 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह सच है कि एफएमसीजी सेक्टर की मांग में भारी गिरावट देखी गई है, बिक्री में वृद्धि एक साल में 10.1 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 2.8 प्रतिशत रह गई है।

वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट यह बताती है। एफएमसीजी कंपनियों ने मार्जिन में गिरावट की सूचना दी है और कहा है कि अगर कच्चे माल की लागत कंपनियों के लिए असहनीय हो गई, तो इससे कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने घरेलू बचत को लेकर भी सरकार पर हमला किया और कहा, घरेलू बचत 50 साल के निचले स्तर पर आ गई है।

उच्च खाद्य मुद्रास्फीति के कारण उपभोग में भारी गिरावट आई है। उदाहरण के लिए, एफएंडबी सेक्टर की वृद्धि जो पहले दोहरे अंकों में हुआ करती थी, अब वह घटकर 1.5-2 प्रतिशत रह गई है। सितंबर में यात्री वाहन की बिक्री में 19 प्रतिशत की गिरावट आई और अक्टूबर में बिक्री स्थिर रही। वित्त मंत्रालय भी कहता है कि ऑटोमोबाइल बिक्री 2.3 प्रतिशत गिरी है।

सितंबर की तिमाही में भारत के शीर्ष आठ शहरों में आवास बिक्री 05 प्रतिशत घटी है।

श्रम ब्यूरो का वेतन दर सूचकांक कहता है कि मजदूरों की वास्तविक मजदूरी 2014-2023 के बीच स्थिर रही जो 2019-2024 के बीच गिरी है। उंन्होने कहा, मोदी जी यह स्पष्ट है कि आप कठिन डेटा पर विश्वास नहीं करते,  क्योंकि आपने फर्जीवाड़ा करने की कला में महारत हासिल कर ली है।

भाजपा की जनविरोधी नीतियां भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही हैं। हम आपको चुनौती देते हैं कि आप विपक्ष के खिलाफ झूठ बोलने के बजाय अपनी भविष्य की चुनावी रैलियों में आम लोगों के सामने आने वाले वास्तविक मुद्दों के बारे में बोलें।

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