एससीओ सम्मेलन में भाग लेने जाएंगे भारतीय विदेश मंत्री
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सार्वजनिक मंच से साफ साफ कहा
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पाकिस्तान के प्रति रुख पर बदलाव नहीं
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इस्लामाबाद में आयोजन को लेकर सतर्कता
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि उनकी आगामी पाकिस्तान यात्रा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी और वह भारत और पाकिस्तान संबंधों पर कोई चर्चा नहीं करने जा रहे हैं। जयशंकर 15-16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान जाएंगे।
जयशंकर ने नई दिल्ली में आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा आयोजित सरदार पटेल लेक्चर ऑन गवर्नेंस देते हुए कहा, मैं एससीओ का एक अच्छा सदस्य बनने के लिए वहां जा रहा हूं। लेकिन, आप जानते हैं, चूंकि मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा।
एससीओ एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन के शंघाई में छह सदस्यों: चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा की गई थी। वर्तमान में, मंच का विस्तार कुल नौ सदस्य राज्यों को शामिल करने के लिए किया गया है, जिसमें भारत भी शामिल है, जो 2017 में मंच का स्थायी सदस्य बन गया। उसी वर्ष पाकिस्तान को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। ईरान भी निकाय का स्थायी सदस्य है।
पाकिस्तान में भारतीय विदेश मंत्री के आने को लेकर अटकलें लगायी जा रही थी कि फिर से बंद पड़ा भारत पाकिस्तान व्यापार प्रारंभ करने की दिशा में कोई पहल हो सकती है। लेकिन जयशंकर के बयान से स्पष्ट हो गया है कि भारत अपने पूर्व फैसले पर ही टिका हुआ है और आतंकवादियों को पनाह देने की वजह से वह पाकिस्तान को अब कोई और छूट नहीं देने जा रहा है।
भारत से व्यापार बंद होने की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वैसे इस एससीओ के उच्च स्तरीय बैठक को देखते हुए पाकिस्तानी सरकार ने इस्लामाबाद को रेड अलर्ट जोन घोषित करते हुए, शिखर सम्मेलन की सुरक्षा के लिए सेना को तैनात करने का फैसला किया है। शुक्रवार को, विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की यात्रा के बारे में पुष्टि की थी, लेकिन यह नहीं बताया कि क्या विदेश मंत्री किसी भी पाकिस्तानी नेता से मिलेंगे। यह लगभग एक दशक में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान की पहली यात्रा होगी।