दिल्ली की कमान अब सबसे युवा और महिला नेत्री के हवाले
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दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री
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चार पुराने चेहरे ही हैं कैबिनेट में
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मुकेश अहलावत इसमें नया चेहरा
राष्ट्रीय खबर
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने आज दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, कुछ दिनों पहले ही अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत मिली थी और उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की थी।
आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने वाली सबसे युवा नेता हैं। शपथ लेने से पहले उन्होंने और उनके मंत्रिमंडल में शामिल आप नेताओं ने केजरीवाल से मुलाकात की। सुल्तानपुर माजरा से पहली बार विधायक बने मुकेश अहलावत आतिशी के मंत्रिमंडल में चेहरा हैं।
अन्य लोगों में गोपाल राय, इमरान हुसैन, कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज शामिल हैं। इन सभी ने नए मंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ समारोह एक सादा कार्यक्रम था क्योंकि केजरीवाल के इस्तीफे के कारण आप में माहौल खुशनुमा नहीं है।
बता दें कि भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद आतिश दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। कालकाजी से विधायक आतिशी ने पिछली अरविंद केजरीवाल सरकार में कई विभागों की जिम्मेदारी संभाली थी।
उन्हें 26-27 सितंबर को एक विशेष सत्र में 70 सदस्यीय विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करना है। आतिशी का शीर्ष पद पर पहुंचना आप के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हुआ है, जो अगले साल की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है।
उन्हें जन कल्याण के लिए लंबित नीतियों और योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाना होगा। समय की कमी के कारण, उन्हें मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना, इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0 और सेवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है।
आतिशी के लिए ऐसी परिस्थितियों का सामना करना कोई नई बात नहीं है। उन्हें कैबिनेट में तब शामिल किया गया, जब पिछले साल शराब नीति मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सरकार कठिन दौर से गुजर रही थी।
भले ही आतिशी 2013 में आप में शामिल हुईं, लेकिन वह शिक्षा नीतियों पर सरकार के सलाहकार के रूप में काम करते हुए पृष्ठभूमि में रहीं और 2019 में ही चुनावी राजनीति में कदम रखा,
जब उन्होंने भाजपा के गौतम गंभीर के खिलाफ पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहीं। 2020 में, आतिशी ने दिल्ली का चुनाव लड़ा और कालकाजी से जीत हासिल की।
इस समारोह में आतिशी के शिक्षाविद-माता-पिता विजय सिंह और तृप्ता वाही मौजूद थे। पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल भी मौजूद थे। 43 वर्षीय आतिशी ने शनिवार को उपराज्यपाल कार्यालय में एक छोटे से समारोह में पांच मंत्रियों के साथ दिल्ली के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
वैसे आम आदमी पार्टी की इस चाल से भाजपा को कोई नया खेल करने का मौका नहीं मिला क्योंकि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भी अड़ंगा लगाने का कोई मौका नहीं बचा था। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा के पहले ही आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी को नया नेता चुन लिया गया था। वैसे करीब आते विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने ईमानदारी का दावा ठोंककर भाजपा को निश्चित तौर पर परेशान कर दिया है। पिछले चुनाव में केजरीवाल ने दिल्ली के मतदाताओं से साफ साफ कहा था कि अगर उनकी सरकार ने जनता की उम्मीदों के मुताबिक काम नहीं किया है तो उन्हें वोट नहीं दें। इस घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत से जीतकर आयी थी।