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कंगना रानौत के बयान के बाद भाजपा की चुनौतियां बढ़ी

एमएसपी पर किसानों की महापंचायत

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः  एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर आयोजित की जा रही महापंचायत में शामिल होने के लिए तमिलनाडु जा रहे किसान नेताओं को दिल्ली हवाई अड्डे पर विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। इस संबंध में खनौरी बॉर्डर पर प्रेस को जानकारी देते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि देश में आपातकाल जैसी स्थिति है।

भाजपा सरकार इतनी डरी हुई क्यों है। क्या भाजपा सरकार किसानों, खासकर पंजाबी किसानों के साथ देश के नागरिक जैसा व्यवहार नहीं करती है। उन्होंने कहा कि वह अपने साथी किसान नेताओं के साथ एमएसपी के मुद्दे पर महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने जा रहे थे।

क्या किरपाण पहनने को मुद्दा बनाकर सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें हवाई अड्डे पर रोका गया और किसान नेताओं को विमान में चढ़ने नहीं दिया गया, जबकि आज से पहले कई बार किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और बलदेव सिंह सिरसा उनके साथ हवाई यात्रा कर चुके हैं।

सुरक्षाकर्मियों ने उनकी किरपाणें ले लीं। किसान नेता सुखदेव सिंह भोजराज के पास किरपाण नहीं थी लेकिन उन्हें भी हवाई जहाज पर चढ़ने नहीं दिया गया।

उनका यह बयान तब आया जबकि हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मंडी की सांसद कंगना रानौत ने किसान आंदोलन के बारे में गंभीर टिप्पणी कर दी। इसके असर को भांपते हुए भाजपा ने आनन फानन में इस बयान से पार्टी को अलग कर लिया। साथ ही कंगना को भविष्य में बयान देने से परहेज करने की नसीहत दे दी।

किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि हकीकत तो यह है कि केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी के मुद्दे पर 13 फरवरी से दक्षिण भारत में चल रहे किसान आंदोलन के विस्तार का डर है। इसलिए सरकार तानाशाह की तरह काम कर रही है।

हाल ही में 15 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर तमिलनाडु के 17 जिलों और कर्नाटक के 15 जिलों में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। वहीं लगातार बड़ी-बड़ी महापंचायतें भी हो रही हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून के मुद्दे पर सड़क से संसद तक उठ रही आवाज से भाजपा सरकार में घबराहट है और सरकार घबराहट में किसान आंदोलन को फैलने से रोकने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रही है।

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